दुबई: एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) का शानदार आगाज आज होने वाला है. एशिया कप के खिताब के लिए छह टीमें आपस में भिड़ेगी. ग्रुप ए में भारत, पाकिस्तान के अलावा पहली बार क्वालीफाई करने वाली टीम हांगकांग है. वहीं ग्रुप बी में श्रीलंका, बांग्लादेश औ अफगानिस्तान की टीमें हैं. एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है. भारत-पाकिस्तान का मुकाबला रविवार यानी 28 अगस्त को होने वाला है.
भारत एशिया कप 2022 अभियान की शुरुआत करने के लिए जब अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेगा, तो स्टार बल्लेबाज विराट कोहली अपने 100वें टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत की तरफ से खेलने उतरेंगे. इस दौरान कोहली खेल के सभी फॉर्मेट में भारत के लिए सौ मैच खेलने वाले पहले खिलाड़ी भी बन जाएंगे. 2008 में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत करने के बाद विराट लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं. उनके शानदार करियर में विभिन्न उतार-चढ़ाव के बावजूद यह आंकड़े निरंतरता को प्रदर्शित करते हैं. जो खेल के प्रति उनके लगाव और समर्पण को दर्शाता है. रविवार को जब कोहली पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने मैदान में उतरेंगे तो उनके दिमाग में होगा कि वह एक मैच जीतने वाली पारी खेलें.
कोहली के किसी भी फॉर्मेट में शतक लगाये हुए 1,000 दिन से भी अधिक हो गए है. हाल ही में विराट कोहली इंग्लैंड दौरे के बाद क्रिकेट से ब्रेक लिया था. इस दौरान कोहली ने एक महीने आराम किया और बैट को हाथ तक नहीं लगाया. इस बात का खुलासा खुद कोहली ने किया है. कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले स्टार स्पोर्ट्स से बात की. जिसमें कोहली ने कहा, 10 साल में पहली बार, मैंने एक महीने तक अपना बल्ला नहीं पकड़ा. मुझे पता चला कि मैं बीते कुछ समय से अपनी इंटेनसिटी को गलत तरह से बनाए रखने की कोशिश कर रहा हूं. मैं अपने आप को मना रहा था कि नहीं मेरे पास वो इंटेनसिटी है, लेकिन आपका शरीर आपको रुकने के लिए कह रहा है. मेरा दिमाग मुझसे कह रहा था कि ब्रेक लो और आराम करो.
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कोहली ने कहा कि वह मानसिक तौर पर काफी मजबूत हैं, लेकिन हर चीज की एक सीमा है. उन्होंने कहा, मैं एक ऐसा इंसान माना जाता हूं जो मानसिक तौर पर काफी मजबूत है और मैं हूं. लेकिन हर किसी की एक सीमा होती है और आपको उस सीमा को पहचानने की जरूरत है नहीं तो चीजें बिगड़ जाती हैं. इस समय ने मुझे काफी कुछ सिखाया है. ऐसी चीजें जो सामने नहीं आ रही थीं. मैंने उन्हें कबूल किया है. वही इसे लेकर कोहली ने कहा कि मुझे यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं है कि मैं मानसिक तौर भी कमजोर हुआ था. यह बहुत ही सामान्य सी बात थी, जो मैंने महसूस की, लेकिन हम हिचकिटाहट के कारण बोलते नहीं हैं. हम मानसिक तौर पर कमजोर नहीं दिखना चाहते हैं. मेरा यकीन कीजिए, मजबूत होने का दिखावा करना कमजोर होने को स्वीकार करने से कहीं ज्यादा घातक है.