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Anusha Bareddy : दिहाड़ी मजदूर से टीम इंडिया तक का सफर, किसी फिल्म से कम नहीं है अनुषा की सक्सेस स्टोरी - भारत बनाम बांग्लादेश

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले की रहने वाले बरेड्डी मल्ली अनुषा का बांग्लादेश दौरे के लिए टीम इंडिया में चयन हुआ है. दिहाड़ी मजदूरी करने से भारतीय टीम में चयन तक का अनुषा का सफर किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है.

Bareddy Malli Anusha
बरेड्डी मल्ली अनुषा

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Published : Jul 4, 2023, 6:07 PM IST

हैदराबाद : अनंतपुर का एक गांव.. एक गरीब परिवार... यहां कोई उचित मैदान नहीं है... खेल में एबीसीडी सिखाने वाला कोई नहीं है. क्या कोई सोच सकता है कि ऐसे स्थिति से निकलकर एक लड़की भारतीय टीम के लिए चुनी जाएगी? लेकिन बरेड्डी मल्ली अनुषा ने यह सपना पूरा किया. उन्हें बांग्लादेश दौरे के लिए भारतीय सीनियर महिला टीम में जगह मिली.

अनुषा आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले के नरपाला मंडल के बंदलापल्ली के एक किसान परिवार से हैं. बचपन से ही उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. यह ऐसी स्थिति नहीं है जहां वह खेलों में आती है और बड़ी हो जाती है. भले ही उसे क्रिकेट में दिलचस्पी है. लेकिन उसे नहीं पता कि कैसे सीखना है. कहां सीखना है. लेकिन जिस स्कूल में वह पढ़ती थीं, वहां शारीरिक शिक्षा शिक्षक रवींद्र के प्रोत्साहन से उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया.

वह सबसे पहले पेस बॉलिंग करती थीं. वह बल्लेबाजी करने में भी सक्षम हैं. इन सबसे ऊपर, उनकी फिल्डिंग जबरदस्त है. अगर उनकी साथी लड़कियां फील्डिंग से डरती थीं तो वह बिना किसी झिझक के गोता लगाकर कैच पकड़ लेती थीं. क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद आर्थिक तंगी के कारण वो दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करती थीं.

2014 में अनंतपुरम आरडीटी अकादमी द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में बंदलापल्ली स्कूल का प्रतिनिधित्व करने वाली अनुषा को इस अकादमी में खेलने का मौका मिला. यह उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ था. यहां से जुड़ने के बाद अनुषा ने गेंदबाजी पर ध्यान केंद्रित किया. जैसे ही बाएं हाथ के स्पिनरों को अच्छे मौके मिले, उन्होंने गति से स्पिन की ओर रुख किया.

अनुषा, जो फ्लाइट के साथ गेंद को घुमाती है, ने आयु वर्ग के टूर्नामेंटों में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और आंध्र अंडर-19 टीम में जगह बनाई. 2018 में चेन्नई में साउथ जोन टूर्नामेंट से अपना सफर शुरू करने वाली इस तेलुगु लड़की ने मैच दर मैच सुधार किया. फिर 2019 में एनसीए कैंप के लिए चयनित होने पर अनुषा को बेहतर सुविधाएं और कोचिंग मिली.

इस स्पिनर ने 2021 में बीसीसीआई सीनियर वनडे टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ी. उन्होंने राजस्थान (3/35), बंगाल (3/30) और हैदराबाद (2/37) टीमों के खिलाफ बेहतर प्रदर्शन किया. इस साल जनवरी में हैदराबाद में हुए इंटरजोनल टूर्नामेंट में साउथजोन के लिए खेलते हुए अनुषा (4/10) ने ईस्टजोन के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्होंने त्रिपुरा के खिलाफ बड़ौदा में हुए मैच में 10 रन देकर 5 विकेट लिए हैं. हांगकांग में आयोजित महिला उभरते क्रिकेटरों के कप में भारत-ए के लिए खेलने का मौका पाने वाली अनुषा को उसी प्रयास से अब सीनियर टीम में जगह मिली है.

फील्डिंग अनुषा का जुनून है. कई मैचों में, उन्होंने सक्रिय गतिविधियों के साथ न केवल कैच लपके, बल्कि लाइटनिंग रनआउट भी किए. रवींद्र जड़ेजा की प्रशंसक अनुषा उन्हीं की तरह ऑलराउंडर बनना चाहती हैं.

भारत की सीनियर महिला टीम में चयनित होने के बाद अनुषा ने कहा, 'मुझे भारतीय टीम में जगह मिलने की उम्मीद नहीं थी. मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं देश के लिए खेलूंगी क्योंकि एक समय वित्तीय कठिनाइयों के कारण मुझे मजदूरी करनी पड़ी थी. यह आरडीटी अकादमी और आंध्र क्रिकेट एसोसिएशन के समर्थन का ही नतीजा है. एससीए प्रशिक्षण से मुझमें सुधार हुआ है. हालांकि मुझे विश्वास है कि मैं बांग्लादेश दौरे पर अपनी ताकत दिखाऊंगी. मुझे गेंदबाजी और बल्लेबाजी ही नहीं बल्कि फील्डिंग भी पसंद है'.

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