नई दिल्ली : वेस्टइंडीज दौरे के लिए चुनी गयी भारतीय टेस्ट टीम में सरफराज खान को जगह नहीं मिलने पर सुनील गावस्कर जैसे पूर्व दिग्गज ने आलोचना की थी लेकिन बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के एक सूत्र ने दावा किया कि इस फैसले के पीछे मुंबई के बल्लेबाज की खराब फिटनेस और अनुशासन में कमी बड़ा कारण है.
दायें हाथ के बल्लेबाज सरफराज ने रणजी ट्रॉफी के पिछले तीन सत्र में 2566 रन बनाये है. उन्होंने अपने करियर में प्रथम श्रेणी के 37 मैचों में 79.65 की औसत से रन बनाये है. ऐसे में अंडर-19 विश्व कप में दो बार देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ी की टीम में जगह नहीं देने पर सवाल उठ रहा है. टीम में रुतुराज गायकवाड़ का चयन हुआ है जिनके प्रथम श्रेणी करियर का औसत 42 के करीब है.
टीम के चयन से जुड़े बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, 'इस तरह की नाराजगी वाली प्रतिक्रियाएं समझ में आती हैं लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि सरफराज को बार-बार नजरअंदाज किए जाने के पीछे का कारण सिर्फ क्रिकेट नहीं है. ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से उनका चयन नहीं हो रहा है'. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, 'क्या चयनकर्ता नासमझ है जो लगातार दो सत्र में 900 से अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी को नजरअंदाज करेंगे? टीम में चयन नहीं होने के पीछे एक बड़ा कारण उनकी फिटनेस है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की नहीं है'.
उन्होंने कहा, 'सरफराज को इस मामले में काफी मेहनत करनी होगी और अपना वजन कम करके अधिक फिटनेस के साथ वापसी करनी होगी. चयन के लिए केवल बल्लेबाजी फिटनेस ही एकमात्र मानदंड नहीं है. बीसीसीआई के अधिकारी के मुताबिक फिटनेस के साथ ही सरफराज का मैदान के अंदर और बाहर का रवैया भी अनुशासन के मानदंड पर खरा नहीं रहा है. उन्होंने कहा, 'मैदान के अंदर और बाहर उसका आचरण शीर्ष स्तर का नहीं रहा है. उसकी कुछ बातें और कुछ भाव भंगिमा अनुशासन की दृष्टिकोण से अच्छी नहीं रही है. उम्मीद है कि सरफराज और उनके पिता तथा कोच नौशाद खान के साथ इन पहलुओं पर काम करेंगे'.