मुंबई : सिंधु ने पिछले महीने ही बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में 2017 की चैम्पियन ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराकर चैम्पियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीता था.
ये मेरे लिए नया मैच
सिंधु ने रविवार को एक कार्यक्रम में कहा, "नहीं, मुझे नहीं लगता कि मेरे दिमाग में ऐसा कुछ चल रहा था. मैं काफी सकारात्मक थी. ये मेरे लिए नया मैच था. हम पहले भी कुछ मैच खेले हैं और ये मेरे लिए नया मुकाबला था."
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सिंधु ने कहा कि उनके लिए प्रत्येक अंक काफी महत्वपूर्ण था. उन्होंने कहा, "मैं काफी सतर्क थी और इस टूर्नामेंट (विश्व चैंपियनशिप) के लिए काफी तैयारी की थी. चीन की चेन यूफेई और ओकुहारा के खिलाफ खेलते हुए मैं अधिक आक्रामक थी और तेज मूवमेंट कर रही थी, जिसकी जरूरत थी."
विदेशी बैडमिंटन कोच ने मदद की
ओलम्पिक पदक विजेता सिंधु ने साथ ही माना कि भारत की विदेशी बैडमिंटन कोच किम जी ह्युन ने उन्हें खेल में बदलाव करने के जो सुझाव दिए उन पर काम करने से उन्हें काफी मदद मिली. सिंधु ने कहा, "निश्चित तौर पर इसका काफी असर पड़ा क्योंकि वो पिछले कुछ महीनों से हमारे साथ हैं. उनके दिमाग में कुछ बदलाव थे और मुझे लगता है कि इससे काफी मदद मिली."
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24 वर्षीय सिंधु ने कहा, "हमने इस पर काम किया, बेशक गोपी सर (मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद) के मार्गदर्शन में और यह काफी अच्छा रहा. मेरे कौशल में काफी इजाफा हुआ और अब भी काफी सुधार हो सकता है."