हैदराबाद :आठ साल पहले लंदन में वर्ल्ड चैंपियनशिप 2011 में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने किसी बड़े टूर्नामेंट में देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. अब आठ साल के बाद अब सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने देश का नाम एक बार फिर रोशन किया है.
थाईलैंड ओपन में मेंस डबल्स के फाइनल मैच में जीत हासिल कर रंकीरेड्डी और चिराग ने इतिहास रच दिया है. भारत को पहली बार सुपर 500 या उससे भी बड़ी ट्रॉफी अपने नाम करने का मौका मिल गया. सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी सुपर सीरीज टूर्नामेंट में डबल्स जीतने वाली पहली जोड़ी बन गई है.
शानदार है सात्विक- चिराग की जोड़ी : गोपीचंद
थाईलैंड ओपन में मेंस डबल्स के फाइनल मैच में जीत हासिल कर रंकीरेड्डी और चिराग ने इतिहास रच दिया है. सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी सुपर सीरीज टूर्नामेंट में डबल्स जीतने वाली पहली जोड़ी बन गई है. इससे उनके कोच पुलेला गोपीचंद का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है.
CHIRAG
यह भी पढ़ें- थाईलैंड ओपन : रंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने खिताब जीतकर रचा इतिहास
गोपीचंद का मानना है कि उनका ये टूर्नामेंट बेहद शानदार रहा लेकिन फाइनल में उन्होंने अलग लेवल का मैच खेला. कोच ने कहा,"उन्होंने काफी समझदारी के साथ खेल खेला. उन्होंने बीच में धीमा खेलने की रणनीति बनाई थी और वे चीनी जोड़ी को हराने में सफल रहे. उन्होंने गेम पर नियंत्रण बनाए रखा, खास कर पहले और तीसरे गेम में. जहां जरूरत लगी वहां उन्होंने अच्छे पेस के साथ खेला."