हैदराबाद: विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने इस एतिहासिक पल को देश के लिए गौरव का पल बनाया. श्रीकांत से पहले महान बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने 1983 में कांस्य पदक जीता था और एचएस प्रणय ने 2019 में देश का दूसरा कांस्य पदक जीता था. इसके अलावा लक्ष्य सेन ने इसी विश्व चैंपियनशिप की पदक सूची में कांस्य पदक अपने नाम किया.
इससे पहले भारतीय महिला स्टार शटलर पीवी सिंधु ने 2019 में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का सर गर्व से ऊंचा किया था. ऐसा करने वाली सिंधु अभी तक की एकलौती भारतीय खिलाड़ी हैं वहीं किदांबी और लक्ष्य सेन का रजत और कांस्य इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में अब तक का भारत के पुरुषों द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
किदांबी ने इस विषय पर ईटीवी भारत से बातचीत कर कहा कि वो मेडल पर नहीं बल्कि अच्छे गेम का आनंद ले रहे थे, लेकिन अब वो अपना ध्यान अगले कैलेंडर वर्ष में आगामी खेलों पर केंद्रित कर रहे हैं. वहीं उनका अंतिम लक्ष्य पेरिस ओलंपिक 2024 में पदक हासिल करना है.
पेश हैं इंटरव्यू के कुछ अंश:
सवाल:आप विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले भारत के पहले व्यक्ति हैं. क्या आप अभी तक इस खुशी को अपने अंदर जब्त कर पाए हैं?
जवाब: ईमानदारी से कहूं तो मैं इस समय कुछ नहीं सोच रहा हूं. विश्व चैंपियनशिप में मैंने जो अच्छा प्रदर्शन किया था उसका आनंद लेने की कोशिश कर रहा हूं.
सवाल:सेमीफाइनल में अपने हमवतन लक्ष्य सेन का सामना करना कैसा रहा? क्या मैच के बाद आपकी उनसे कोई बातचीत हुई?
जवाब:जब आप साथी देशवासियों के साथ खेल रहे होते हैं तो ये हमेशा कठिन होता है. देखिए, ये एक टूर्नामेंट है और हम दोनों मैच जीतने के लिए खेल रहे थे. मैं बस इस बात से खुश हूं कि मैं उस मैच को जीतने में सफल रहा. हमने आम तौर पर मैच के बाद बात की लेकिन हमारी प्रतियोगिता या टूर्नामेंट से संबंधित कुछ भी बात नहीं हुई.
सवाल: लो कीन यू के खिलाफ विश्व चैंपियनशिप फाइनल में हारने पर कोई पछतावा?
जवाब: कोई पछतावा नहीं है. मैं फाइनल में जिस तरह से खेला उससे मैं खुश हूं. लेकिन मुझे लगता है कि मैं थोड़ा बेहतर कर सकता था. ऐसे में आपको अपनी गलतियों से सीखना होगा और कोशिश करनी होगी और बेहतर करने की.
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सवाल: आपने इससे पहले कई टूर्नामेंट खेले हैं - सुदीरमन कप, थॉमस और उबेर कप, आपको कब एहसास हुआ कि आप बेहतर हो रहे हैं?