हैदराबाद: विश्व में पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ियों की सूचि में पांचवां स्थान रखने वाले भारत की पलक कोहली ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. जन्म से ही पलक के बाएं बाथ में विकृति है. आपको बता दें कि विश्व के नंबर-6 स्थान वाले खिलाड़ियों तक पैराओलंपिक्स में आसानी से क्वॉलीफाई कर सकते हैं.
इस महीने खेल मंत्रालय ने पलक को 'टॉप्स' में जगह दी है. अब वे टोक्यो जाने के लिए बेहतर प्रैक्टिस और ट्रेनिंग कर सकती हैं. 17 वर्षीय पलक ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत कर अपने सफर और भारत के लिए पदक जीतने के सपने के बारे में बताया.
प्रश्न : लॉकडाउन के दौरान आपने लखनऊ में तैयारी की थी. अब आपकी ट्रेनिंग कैसी चल रही है?
उत्तर : हां... लॉकडाउन मेरे ही नहीं बल्कि सभी के लिए काफी कठिन रहा था लेकिन मेरे कोच ने पहले ही ऐसी परिस्थिति का अनुमान लगा लिया था, उन्होंने पहले ही कई उपकरण खरीद लिए थे और आउटडोर कोर्ट का इंतजाम कर लिया था ताकि मैं ट्रेनिंग कर सकूं.
प्रैक्टिस के लिहाज से तो मेरे लिए काफी फायदेमंद था. कोच ने मुझपर ज्यादा ध्यान दिया और मेरे एक्शन पर काम किया और मुझे अनोखे स्ट्रोक खेलने सिखाए और मेरे बैकहैंड को मजबूत किया.
फिलहाल मेरी ट्रेनिंग लखनऊ के गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकेडमी में शानदार चल रही है. 2017 से जब से मैंने खेलना शुरू किया है तब से मैं लखनऊ में ही ट्रेनिंग कर रही हूं.
प्रश्न : खेल मंत्रालय में निवेदन करने के बाद भी टॉप्स में शामिल करने में देरी हुई, कोई शिकायत है आपको?
उत्तर : ये किसी से शिकायत नहीं है लेकिन परिस्थितियों की बात है. ओलंपिक इयर में मैंने वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवां पायदान हासिल किया और टोक्यो पैराओलंपिक्स के लिए क्वॉलीफाई होने के काबिल बनी. मैं यही उम्मीद कर रही थी कि 20 अप्रैल को बीडब्ल्यूएफ मेरा नाम इसमें शामिल करेगा लेकिन कोविड-19 के कारण ऐसा नहीं हो सका. तो यही परिस्थिति थी जिस कारण मुझे टॉप्स में जगह नहीं मिली.
मिनिस्टर सर ने फिर मेरा नाम टॉप्स में शामिल किया. मैं सकारात्मक रहने की कोशिश करूंगी और अपनी ट्रेनिंग पूरी लगने से करूंगी.