हैदराबाद: 19 अगस्त से स्विट्जरलैंड के बेसल में बी.डब्लू.एफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप का आगाज़ हो गया है. 1977 से ही एशिया के देशों की इस चैंपियनशिप में धाक रही है. क्या इस बार भी एशियाई देश इस चैंपियनशिप में अपनी बादशाहत कामयाब रख पाते हैं या नहीं, आइए आंकड़ों पर डालते हैं एक नजर.
स्विट्जरलैंड के बेसल में खेली जा रही बी.डब्लू.एफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में किसके सर सजेगा ताज ये तो वक्त ही बतायेगा पर इतिहास के पन्नों से मिली जानकारी के अनुसार पूरे विश्व से कई कदम आगे रहा है एशिया साल 1977 से खेली जा रही बी.डब्लू.एफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप के महिला एकल में 42 बार चीन ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप और 4 बार ओलिम्पिक में परचम लहराया. वहीं पुरुष सिंगल्स में 14 बार विश्व विजेता बन पूरे विश्व को चौकाया. दूसरी तरफ ओलंपिक में 4 बार खिताब अपने नाम किया.
वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप: एशिया का है एकतरफा राज, इस बार कौन होगा चैंपियन ? - बी.डब्लू.एफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप
वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के इतिहास में एशियन देशों की बादशाहत रही है.
चीन के अलावा इंडोनेशिया, थाईलैंड़ और जापान भी एशिया का मान बढ़ाने में कोई खासा पीछे नहीं रहे हैं, बी.डब्लू.एफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप के मेंस सिंगल्स में इंडोनेशिया ने 6 बार और ओलम्पिक में 1 पदक हासिल किया. वहीं विमेंस सिंगल्स में 2 बार वर्ल्ड चैम्पियनशिप और 1 बार ओलम्पिक का पदक अपने नाम किया. दूसरी तरफ थाईलैंड़ ने महिला एकल 2013 में और जापान ने 2017 में जीत हासिल की.
एशिया के बाहर सिर्फ डेनमार्क ने ही 3 बार मेंस सिंगल्स और 2 बार विमेंस सिंग्लस में एशिया के एकछत्र राज को खत्म किया. ऐसे में इस बार कौन पहनेगा बी.डब्लू.एफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप का ताज़? इसके खुलासे के लिये करना होगा 25 अगस्त तक का इंतजार, जब बेसल में होगा 2019 के चैम्पियन का फैसला.