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लैंगिक समानता पर फिल्म लिखने के लिए महिलाओं का नजरिया जरूरी : 'नटखट' निर्देशक - लैंगिक समानता नटखट

विद्या बालन स्टारर लैंगिक समानता पर बात करने वाली फिल्म 'नटखट' के निर्देशक शान व्यास का मानना है कि ऐसे विषय पर फिल्म लिखने के लिए आपको महिला के नजरिए से सोचना बेहद जरूरी है, वर्ना कहानी अधूरी लगती है.

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लैंगिक समानता पर फिल्म लिखने के लिए महिलाओं का नजरिया जरूरी : 'नटखट' निर्देशक

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Published : Jun 13, 2020, 5:15 PM IST

मुंबई: 'नटखट' के निर्देशक शान व्यास का कहना है कि मर्दानगी के बारे में एक कहानी का जिक्र करने के लिए फिल्म के पहले चरण को उन्होंने एक पुरुष के तौर पर लिखा, जिसमें किसी महिला की सोच और दृष्टिकोण की कमी थी.

फिल्म में विद्या बालन और बाल कलाकार सानिका पटेल हैं और इसे अनुकंपा हर्ष ने लिखा है.

व्यास कहते हैं, 'फिल्म के पहले चरण में मर्दानगी पर एक कहानी का जिक्र करने के लिए मैंने इसे एक पुरुष के मनोभाव से लिखा, लेकिन इसमें एक औरत के नजरिए की कमी थी. यह काफी अधूरा सा लग रहा था. लैंगिक समानता पर कोई फिल्म लिखने के लिए हमें लेखन में एक महिला के नजरिए की आवश्यकता है. खासकर इसके निर्माण में इसकी बेहद अहमियत है.'

'नटखट' में लैंगिक समानता पर एक सशक्त दिया गया है. इस फिल्म का प्रीमियर 2 जून को यूट्यूब पर 'वी आर वन : ए ग्लोबल फिल्म फेस्टिवल' के एक हिस्से के रूप में हुआ.

पढ़ें- लैंगिक समानता की बात करती है विद्या बालन की शॉर्ट फिल्म 'नटखट'

विद्या बालन और रॉनी स्क्रूवाला ने मिलकर इसे प्रोड्यूस किया है.

(इनपुट्स- आईएएनएस)

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