Film Review: सुपरहीरो 'कैप्टन मार्वल' की दमदार एंट्री, कई ट्विस्ट लेकिन कहानी पड़ गई फीकी - carol danvers
कैप्टन मार्वल नए सुपरहीरो की दमदार एंट्री ने लोगों का दिल जीत लिया है. माना जा रहा है कि एवेंजर्स में कैप्टन मार्वल सबसे ताकतवर और सुपरपॉवर वाले सुपरहीरोज में से एक हैं. महिला सुपरहीरो को इस तरह से पर्दे पर दर्शाया गया है कि सिनेमाहॉल में मौजूद दर्शक तालियां बजाए बिना खुद को रोक नहीं पाएंगे. हालांकि पूरी फिल्म कही भी मात खाती हुई दिखती है तो वह कहानी में फीकी रह जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि, मार्वल सीरीज में जितने भी सुपरहीरो रहे हैं, उनका जन्म कुछ न कुछ नए ट्विस्ट और दमदार कहानी से अगले पार्ट के लिए एक्साइमेंट पैदा कर देती है, हालांकि इसमें ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है.
हॉलीवुड एक्ट्रेस ब्री लार्सन ने कैप्टन मार्वल के रोल को न्याय दिया है. अगर सुपरहीरो कैप्टन मार्वल के जन्म होने की वजह को पिछले सुपरहीरोज से तुलना करेंगे तो यह थोड़ी कम साबित होगी.
कहानी- कैप्टन मार्वल की कहानी थोड़ी आगे से शुरू होती है. क्री नाम के स्पेसक्राफ्ट में कैरॉल डैनवर्स नाम की पॉवरफुल वुमन होती हैं, जिसके पास ऐसी शक्तियां है जिसे वह पहचान नहीं पाती. क्री स्पेसशिप में उसे वीर्स नाम से बुलाते हैं, क्योंकि इसके पीछे एक ट्विस्ट है. कैरॉल के हाथ में आग का गोला फेंकने वाली जबरदस्त पॉवर होती है. हालांकि वह इसका सही इस्तेमाल नहीं कर पाती. उसके (कैरॉल डैनवर्स) सपने में डॉक्टर लॉर्सन आती हैं, जो एक फाइटर प्लेन की पायलट होती हैं. स्क्रल्स (Skrulls) नाम के स्पेसशिप वाले एक लड़ाई के दौरान कैरॉल को कैद कर लेते हैं, जहां स्क्रल्स का मुखिया उसके दिमाग से जानकारी हासिल करना चाहता है. इसके बाद वह वहां से भागने की कोशिश करती है और सीधे धरती पर जा गिरती है, जिसे क्री स्पेसक्राफ्ट के लोग 'C-53' ग्रह के नाम से जानते हैं. यहां कैरॉल को नई दुनिया मिलती है, जहां उसकी लाइफ के कई किस्से छुपे होते हैं. यहां वह साल 1995 में पहुंचती है और 6 साल पीछे 1989 की घटना को फिर से याद करना चाहती है, लेकिन कैरॉल को कुछ भी याद नहीं आता. फिर कैरॉल कैसे कैप्टन मॉर्वल बनती हैं, इसके आगे की कहानी को जानने के लिए आपको फिल्म देखने सिनेमा थियेटर तक पहुंचना होगा.
कैप्टन मार्वल का जन्म कैसे होता है और कैसे वीक वुमन से पॉवरफुल वुमन बनती हैं; इसकी कहानी बिल्कुल उसी तरह है जैसे पिछले एवेंजर्स के सुपरहीरोज. फिल्म में कुछ नया देखने को नहीं मिला. फिल्म के पहले हिस्से में किरदार को स्टैबलिश करने में बीत जाता है और कहानी फीकी लगती है. हालांकि वर्बल कन्वर्सेशन के दौरान कई बार हंसी भी आती है. दूसरे हिस्से में फिल्म को स्टैबलिश करने के बाद शानदार एक्शन सीन्स और कैप्टन मार्वल के असली पॉवर देखने को मिला. आज से 25 साल पुरानी कहानी में कैप्टन मार्वल का साथ देने के लिए निक फ्यूरी भी दिखाई देते हैं, जो उनका आखिरी वक्त तक साथ देते हैं. इन सबके बीच कहानी बीच-बीच में कमजोर नजर आती है.
अगर आप एवेंजर्स के डॉयहार्ड फैन हैं तो यह फिल्म बिल्कुल आपके लिए है.