नई दिल्ली : सिनेमा की दुनिया में दो दशक पूरी कर चुकीं अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा का कहना है कि वह कभी भी 'बहुत महत्वाकांक्षी' नहीं रहीं और उन्होंने अभिनय के अपने अब तक के सफर में शायद ही कभी पीछे मुड़कर देखा हो.
कोंकणा ने जून 2001 में बांग्ला फिल्म 'एक जे अच्छी कन्या' से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी. उन्होंने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा से कहा, 'मैं वास्तव में, अपनी अब तक की यात्रा पर पीछे मुड़कर नहीं देखती. मैं वर्तमान में जीती हूं. यह कहना भी ठीक नहीं होगा कि मैं आगे देखती हूं. मैं कभी भी बहुत महत्वाकांक्षी नहीं रही हूं, इसलिए मैं पीछे मुड़कर नहीं देखती.'
उन्होंने कहा, 'संभव है कि अपने जीवन के अंत में, मैं पीछे मुड़कर देखूं. लेकिन अभी, मैं बस वर्तमान में जीना चाहती हूं. और मैं अपने जीवन को दिलचस्प बनाना चाहती हूं. देखते हैं, मेरे सफर में और क्या आता है.'
कोंकणा (41) का अब तक सफर दिलचस्प रहा है और 'मिस्टर एंड मिसेज अय्यर', 'पेज 3', 'ओमकारा', 'लाइफ इन ए... मेट्रो', 'वेक अप सिड', 'तलवार' और 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' जैसी फिल्मों में उनके काम को लेकर उनकी प्रशंसा भी होती रही है.
उन्होंने कहा कि वह किसी परियोजना को तभी हाथ में लेती हैं जब उसका स्क्रिप्ट उन्हें पसंद आए. उन्होंने कहा, 'मैं उस काम को करने की कोशिश करती हूं जो मुझे दिलचस्प लगता है, वह काम, जिसके बारे में मुझे लगता है कि मैं कुछ योगदान करने में सक्षम हूं.'
फिल्मों में अभिनय के दौरान ही कोंकणा 2016 की चर्चित फिल्म 'ए डेथ इन द गंज' के साथ निर्देशन की शुरुआत की. फिर से निर्देशन करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर अभिनेत्री ने कहा कि अभी वह अन्य कार्यों में व्यस्त हैं.