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केज और पार्क के नए एल्बम में इन बातों का होगा जिक्र

रिकी केज और लोनी पार्क साथ मिलकर 21 जून को विश्व संगीत दिवस के मौके पर एक घंटे के कॉन्सर्ट का आयोजन करेंगे. उन्होंने बताया कि यह कॉन्सर्ट वैसे तो बच्चों के लिए है, लेकिन इससे सभी आयु वर्ग के लोगों से अपील की जाएगी.

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केज और पार्क के नए एल्बम में इन बातों का होगा जिक्र

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Published : Jun 17, 2020, 7:44 PM IST

मुंबई : ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज और नामित लोनी पार्क दुनिया भर के तमाम हिस्सों से अन्य ग्रैमी पुरस्कार विजेताओं के साथ मिलकर 21 जून को विश्व संगीत दिवस के मौके पर एक घंटे के कॉन्सर्ट का आयोजन करेंगे और इस दौरान संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत लक्ष्यों पर आधारित गीतों पर अपनी प्रस्तुति देंगे.

टीम ने मिलकर 'माय अर्थ सॉन्ग्स' का निर्माण किया है, जिसके तहत प्रकृति की मांग और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, हरियाली से समृद्ध धरती को सुनिश्चित करने व इस वक्त व्याप्त असंतुलनों की जांच करते हुए उन सुधारात्मक कार्यों की बात की जाएगी, जिन्हें लोगों द्वारा किए जाने की आवश्यकता है.

पर्यावरण में सुधार और स्थिरता पर आधारित ऐसे 27 गीत हैं, जिन्हें पांच से ग्यारह साल तक के बच्चों को ध्यान में रखकर लिखा गया है.

आईएएनएस ने इस पर रिकी केज और लोनी पार्क से बात की, जिसके कुछ अंश इस प्रकार हैं -

इस कॉन्सर्ट के बारे में हमें कुछ बताइए और इसके पीछे क्या तर्क है?

पार्क : यह कॉन्सर्ट वैसे तो बच्चों के लिए है, लेकिन इससे सभी आयु वर्ग के लोगों से अपील की जाएगी. रिकी केज, डोमिनिक डिक्रूज और मैंने एक विशिष्ट एकीकृत थीम के साथ सारे गीत लिखे हैं. दुनिया भर में तमाम कॉन्सर्ट में प्रस्तुति देने के दौरान रिकी पर्यावरण संबंधी अभियानों में गहराई से शामिल हुए हैं. हमनें इस बात पर चर्चा की कि वयस्कों के लिए इस धरती में अपनी बुरी आदतों को बदलना काफी चुनौतीपूर्ण है. हमनें एक दीर्घकालिक प्रभाव की मांग को महसूस किया. हमें इस वक्त चाहिए कि आने वाली पीढ़ी शुरुआत से ही अच्छी आदतों व अभ्यासों का पालन करें.

यह बच्चों में भी एक जागरूकता लेकर आएगा, जिसे वे जिंदगी भर निभाएंगे. ऐसे में बच्चों के लिए उटपटांग गानों को गाने से अच्छा है, हमें उन्हें हमारी धरती, समानता, सहिष्णुता और पहल करने से संबधित गीतों को गाने के दिशा में प्रेरित करना चाहिए. हममें यकीन है कि इस सम्पूर्ण विश्व पर एक खास प्रभाव पड़ेगा. इसलिए हमनें संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों पर आधारित विषयों पर गीत लिखने शुरू कर दिए.

जब हमने गाने लिख लिए, तो उन्हें शिक्षा प्रणली और यूनीसेफ जैसे संगठनों द्वारा अपनाया और समर्थित किया जाने लगा. तब जाकर हमें लगा कि यह उन 85 करोड़ बच्चों के लिए लॉकडाउन के दौरान इस पर एक कॉन्सर्ट करने का एक उपयुक्त समय है, जिन्हें स्कूल न जाने के लिए मजबूर किया जाता है.

बच्चों पर इस पहल के लिए ध्यान दिया जाना कितना जरूरी है?

केज : अगर हम एक ऐसी पीढ़ी की मांग करते हैं, जिसमें नागरिक पर्यावरण के प्रति जागरूक हो, तो हमें बच्चों से ही इसकी शुरुआत करनी होगी. ये गीत पचास लाख से अधिक स्कूली पुस्तकों में पहले ही शामिल हो चुके हैं. 'माय अर्थ सॉन्ग' को इसके नवाचार, रचनात्मकता व ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच के लिए जर्मनी के बॉन में संयुक्त राष्ट्र द्वारा सम्मानित व मान्यता प्राप्त किया जा चुका है. इस महामारी के दौरान दुनिया भर के देशों और उनके स्कूल सिस्टम को बच्चों को निर्बाध शिक्षा देने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और इससे बच्चों की जिंदगी भी प्रभावित हो रही है. यह कॉन्सर्ट बच्चों का मनोरंजन करने के साथ-साथ उन्हें उनके पर्यावरण के बारे में आवश्यक जानकारियां भी उपलब्ध कराएगी.

इनपुट-आईएएनएस

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