मुंबई: 'छपाक' के अभिनेता विक्रांत मेस्सी का कहना है कि उनकी कोशिश रहेगी कि वे ऐसे परियोजनाओं का हिस्सा बनें, जिसकी कहानी महत्वपूर्ण हो, क्योंकि सिनेमा समाज को आकार देने में सहायक होती है.
हालांकि कोई भी फिल्म अपराध का महिमामंडन नहीं करती है, खासकर महिलाओं से जुड़े अपराध का, जिसमें हमने हाल ही में बढ़ोत्तरी होते देखा है. सवाल यह उठता है कि अगर सिनेमा दर्शकों के दिमाग पर असर डालता है, तो वह ऐसे अपराध करने वाले युवाओं की मानसिकता को बदलने में नाकाम क्यों है?
इस पर विक्रांत ने कहा, 'सिनेमा हमेशा से समाज को आकार देने में सहायक रही है, न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनियाभर में। यहां तक की पश्चिमी सिनेमा ने भी क्रांति लाने में और लोगों के बीच बातचीत शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जब मैं क्रांति कहता हूं, तो मैं यह नहीं कह रहा हूं कि फिल्में देखने के बाद लोग सड़कों पर उतरेंगे और नारे लगाने लगेंगे. किसी विषय को आगे ले जाने के विचार से क्रांति हो सकती है, और सिनेमा में ऐसा करने की शक्ति है.'
'सिनेमा समाज को आकार देने में सहायक' : विक्रांत मेस्सी
हाल ही में एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल पर बनी सोशल-ड्रामा फिल्म छपाक में अहम भूमिका निभाने वाले अभिनेता ने इंटरव्यू के दौरान फिल्मों को समाज में बदलाव का अहम माध्यम माना और बताया कि सिनेमा समाज को आकार देने में सहायक है.
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विक्रांत अपने करियर में काफी अलग तरह के प्रोजेक्ट्स कर चुके हैं, अपने लेटेस्ट प्रोजेक्ट में वह एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल के रियल लाइफ सपोर्टर का किरदार निभा रहे हैं. फिल्म में अभिनेता के काम की काफी तारीफें की गई हैं.
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म में दीपिका पादुकोण बतौर लीड हैं जो कि एसिड अटैक सर्वाइवर का रोल निभा रही है. मेघना गुलजार के निर्देशन में बनी फिल्म में कई असली एसिड अटैक सर्वाइवर ने भी काम किया है. अभिनेत्री ने फिल्म के जरिए एक बहुत ही मजबूत संदेश समाज को देने की कोशिश की है.