मुंबई: फिल्म निर्माता विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म 'शिकारा', जो साल 1990 में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की पृष्ठभूमि पर बनी है, भले ही इस साल फरवरी में रिलीज हुई. लेकिन वह एक दशक पहले इस घटना पर फिल्म बनाना चाहते थे.
चोपड़ा ने कहा, 'मैं एक दशक से अधिक समय से कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी बताना चाहता हूं. मुझे खुशी है कि अंतत: मैं इस फिल्म के जरिए पलायन की अनकही कहानी को सामने ला सका.'
'शिकारा' दो कश्मीरी पंडितों शिव और शांति की कहानी बताती है, जो 30 वर्षों से निर्वासन (बलपूर्वक निकाल देना) में रह रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'शिकारा' फिल्म के माध्यम से हमने यह संदेश फैलाने का लक्ष्य रखा कि यदि प्रेम खो जाता है तो कोई उम्मीद नहीं बचती. यह विकट परिस्थितियों में लचीलापन और प्रेम दर्शाने की कहानी है. अब हम सभी को एक अतिरिक्त खुराक की जरूरत है.'