मुंबई : फिल्मकार विधु विनोद चोपड़ा ने अपनी फिल्म 'शिकारा' को लेकर हो रही आलोचनाओं का एक खुले पत्र में जवाब दिया है. कश्मीरी मीडिया के विद्यार्थियों द्वारा उनके इसपत्र को लिखा गया है. पिछले महीने विद्यार्थियों ने उनकी यह फिल्म देखी थी.
उन्होंने कहा था, "हालांकि फिल्म की कहानी ने बड़ी ही खूबसूरती के साथ इसके शीर्षक 'शिकारा' के साथ न्याय किया है, लेकिन इसका जो टैगलाइन है, 'द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीरी पंडित', वह सही नहीं बैठ रहा है क्योंकि कोई भी दर्शक यही सोचेगा कि फिल्म कश्मीरी पंडितों द्वारा झेले गए मुश्किलों व उनकी पीड़ाओं की सही जानकारी देगी. लेकिन, इन्हें एक प्रेम कहानी की पृष्ठभूमि में दिखाया गया है, न कि इसकी सही-सही वास्तविकताओं पर प्रकाश डाला गया है, जिसके चलते यह कुछ हद तक धूमिल व अवास्तविक है.
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए चोपड़ा ने लिखा, "प्रिय अरबीना और आसिफ, आपको व सभी कश्मीर वासियों को ईद मुबारक. मैंने कश्मीर ऑब्जर्वर में मेरी फिल्म शिकारा को लेकर आपकी समीक्षा पढ़ी. अपने विचारों को प्रस्तुत करने के लिए आपने जो दृष्टिकोण अपनाया है, वह मुझे अच्छा लगा. शिकारा अपनी मां को दी गई मेरी तरफ से एक श्रद्धांजलि है. यह मेरी मां की कहानी है."
उन्होंने कहा कि 30 साल पहले कश्मीरी पंडितों का वहां से पलायन 'हमारे इतिहास पर एक गहरा धब्बा है.' उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही संवेदनशील विषय है. जो कुछ भी हुआ, वह गलत था. लोगों को उनके घरों व उनके शहर से बाहर निकाल दिया गया. हां, बाहरी ताकतों काइसमें हाथ था, जिनके चलते यह दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन हुआ, लेकिन यह मुद्दा अभी भी अनसुलझा है."
उन्होंने फिल्म की रिलीज की तारीख में हुए बदलाव के पीछे के कारणों का भी जिक्र किया.