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यूपी की लड़की की मदद को आगे आए सोनू सूद, कराई घुटने की सर्जरी - सोनू सूद मदद प्रज्ञा मिश्रा

सोनू सूद हर किसी को संकट से निकाल रहे हैं. यही वजह है कि उन्हें 'मसीहा' कहकर बुलाया जाने लगा है. इस बार इस रियल लाइफ़ हीरो ने एक 22 साल की लड़की की घुटने की सर्जरी करवाई है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रहने वाली प्रज्ञा मिश्रा के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो अपने घुटने का ऑपरेशन करवा पाए. प्रज्ञा ने ट्विटर के माध्यम से सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई और हर बार की तरह सोनू तुरंत मदद के लिए हाज़िर हो गए.

UP girl will walk again due to Sonu Sood
UP girl will walk again due to Sonu Sood

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Published : Aug 14, 2020, 2:00 PM IST

गोरखपुर: प्रज्ञा नामक 22 साल की एक लड़की की जिंदगी बिस्तर पर पड़े रहकर ही कट रही थी क्योंकि एक दुर्घटना का शिकार होने के चलते उसके दोनों ही घुटने बेअसर हो गए थे. हालांकि गुरुवार का दिन प्रज्ञा के लिए बिल्कुल अलग सा था क्योंकि सर्जरी के बाद वह वॉकर के सहारे धीरे-धीरे खुद से कुछ कदम चलने लगी थी. इस नजारे को देखकर उसके परिवारवाले अभिनेता सोनू सूद को दुआ देते नहीं थक रहे थे जिन्होंने इसे संभव बनाया.

लड़की के पिता विजय मिश्रा गोरखपुर के पादरी बाजार इलाके में एक पुरोहित हैं. उन्होंने कहा, "प्रज्ञा फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उसके दोनों घुटने नष्ट हो गए थे. स्थानीय चिकित्सकों ने कहा था कि सर्जरी ही इसे ठीक करने का एकमात्र विकल्प है जिसमें करीब 1.5 लाख रुपये का खर्च आएगा. इसे करा पाना हमारे बस के बाहर था और अधिकतर रिश्तेदारों ने भी कोई मदद नहीं की."

लॉ की पढ़ाई कर रही प्रज्ञा ने इस संदर्भ में कुछ नेताओं से मदद मांगने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी.

"अगस्त के पहले हफ्ते में उसने अभिनेता सोनू सूद को मदद के लिए ट्वीट किया और उन्होंने एक सर्जन से बात करने के बाद जवाब दिया और उसे दिल्ली बुलाया."

बुधवार को गाजियाबाद में उसके घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी सफलतापूर्वक हुई.

प्रज्ञा के पिता ने कहा कि सबकुछ सामान्य है और उसे दो से तीन दिनों में छुट्टी दे दी जाएगी.

उन्होंने कहा, "ट्रेन के टिकट से लेकर सारा बंदोबस्त सोनू सूद ने ही किया. जब हम दिल्ली पहुंचे, रेलवे स्टेशन पर उनकी टीम ने हमसे मुलाकात की और हमें वहां से सीधे अस्पताल लेकर गए."

प्रज्ञा उनके बारे में कहती है, "मेरे लिए, सोनू सूद भगवान हैं. मैंने फैसला लिया है कि जब मैं पैसे कमाने लगूंगी, तो मैं उन बच्चों की मदद करूंगी जिनकी पढ़ाई छूट गई है."

सोनू सूद ने हजारों प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने में मदद की. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन, बसें और यहां तक की चार्टेड फ्लाइट्स का भी इंतजाम किया.

इनपुट-आईएएनएस

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