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लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक - Two day national mourning for Lata Mangeshkar

लता मंगेशकर के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.

Lata Mangeshkar
लता मंगेशकर

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Published : Feb 6, 2022, 12:18 PM IST

Updated : Feb 6, 2022, 3:18 PM IST

हैदराबाद : पार्श्व गायिका लता मंगेशकर के निधन से हिंदी सिनेमा में एक युग और देश के लिए बड़ी क्षति हुई है. लता जी के निधन पर दो दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. लता मंगेशकर के निधन से पूरा देश टूट चुका है. लता जी लंबे समय से बीमारी थीं और रविवार 6 फरवरी की सुबह उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.

बता दें, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉ. प्रतीत समदानी ने आज बयान जारी कर कहा था कि रविवार सुबह 8:12 मिनट पर लता मंगेशकर का निधन हो गया है. उनके शरीर के कई अंग खराब हो गए थे. उनका इलाज काफी दिनों से अस्पताल में चल रहा था. वहीं, उनकी छोटी बहन उषा मंगेशकर ने भी बताया कि महान गायिका कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थीं और उन्हें बीमारी के मामूली लक्षण थे.

लता दीदी के सम्मान में राष्ट्रपति भवन पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका

लता जी के निधन पर पूरा बॉलीवुड और देश उन्हें याद कर रो रहा है. बता दें कि लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में हुआ था. वह भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थीं. जिनका छह दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है.

लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फिल्मी और गैर-फ़िल्मी गीत गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायक के रूप में रही है.

अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है. लता की जादुई आवाज के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं. लता दीदी को भारत सरकार ने 'भारत रत्न' से सम्मानित किया है.

लता का जन्म इंदौर में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र मे हुई थी. वह बचपन से ही गायक बनना चाहती थीं. पिता की मृत्यु के बाद (जब लता सिर्फ़ तेरह साल की थीं), लता को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी और काफी संघर्ष करना पड़ा था.

उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की वज़ह से पैसों के लिये उन्हें कुछ हिन्दी और मराठी फ़िल्मों में काम करना पड़ा था. उन्होंने काफी संघर्ष के बाद संगीत की दुनिया में एक अलग मुकाम बनाया था. लता दीदी के निधन से आज पूरे देश में शोक की लहर है.

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Last Updated : Feb 6, 2022, 3:18 PM IST

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