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Published : Dec 3, 2019, 12:04 PM IST

Updated : Dec 3, 2019, 1:48 PM IST

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'कमांडो 3' के सीन पर फिर मचा बवाल, पहलवानों ने की पीएम से यह मांग

'कमांडो 3' रिलीज के बाद से ही विवादों में घिरती नजर आ रही है. एक बार फिर से फिल्म में पहलवानों पर कुछ गलत दृश्य दिखाए जाने को लेकर हरिद्वार के पहलवानों ने आपत्ती जताई, जिसके चलते पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की है कि फिल्म से पहलवानों पर दिखाए गए गलत दृश्य को हटवाया जाए नहीं तो इस फिल्म का बड़े पैमाने पर विरोध किया जाएगा.

'कमांडो 3' के सीन पर फिर पर मचा बवाल, पहलवानों ने की पीएम से यह मांग
'कमांडो 3' के सीन पर फिर पर मचा बवाल, पहलवानों ने की पीएम से यह मांग

हरिद्वार : विद्युत जाम्वाल की फ़िल्म 'कमांडो 3' एक तरफ जहां बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है. वहीं, रिलीज के बाद से ही फिल्म विवादों में घिरती नजर आ रही है. फिल्म में पहलवानों पर कुछ गलत दृश्य दिखाए जाने को लेकर हरिद्वार के पहलवानों में आक्रोश उत्पन्न होता नजर आ रहा है. दरअसल, निर्देशक आदित्य दत्ता के खिलाफ हरिद्वार के पहलवान जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की है कि फिल्म से पहलवानों पर दिखाए गए गलत दृश्य को हटवाया जाए नहीं तो इस फिल्म का बड़े पैमाने पर विरोध किया जाएगा.

वहीं, पहलवानों का कहना है कि हमने कमांडो 3 फिल्म के निर्देशक का पुतला इसलिए दहन किया है क्योंकि एक दृश्य में पहलवानों की छवि बहुत ही गलत तरीके से दिखाई गई है. पहलवान अनुशासन में रहने वाले होते हैं और देश का नाम रोशन करते हैं. बता दें कि गुरु शंकराचार्य द्वारा संतो के अखाड़ों के साथ पहलवानों की भी स्थापना इसलिए की गई थी ताकि मुगलों के अत्याचारों से लोगों को बचाया जा सके क्योंकि उस वक्त कोई तोप नहीं था. जिसके चलते उस वक्त पहलवान अपने शरीर को स्वस्थ बनाते थे ताकि वह लड़ाई में लड़ सकें.

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अगर देखा जाएं तो पहलवानी मैं दारा सिंह और सुशील कुमार के साथ कई पहलवानों ने देश का नाम रोशन किया है. मगर इस फिल्म में पहलवानों पर गलत दृश्य दिखाए गए हैं, जिसके लिए हम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग करते हैं कि इस फिल्म में दिखाए गए पहलवानों के ऊपर गलत दृश्य को हटवाया जाए तब तक उत्तराखंड में इस फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा.

पहलवानों ने सेंसर बोर्ड को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उनके द्वारा इस तरह से इस फिल्म को परमिशन दी गई है. पहलवानों द्वारा किए गए इस प्रदर्शन में सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी इस फिल्म का विरोध करने सड़कों पर उतरे. समाज सेवी विशाल गर्ग का कहना है कि यह बहुत ही दुख और चिंता का विषय है कि हमारी फिल्म इंडस्ट्री को सिर्फ पैसे कमाने से मतलब है. वह किसी की भी भावना से खिलवाड़ कर देते हैं. फिल्म में इस दृश्य के वजह से सामाजिक लोग बहुत चिंतित है क्योंकि पहलवान देश का नाम भी रोशन करते हैं. इस फिल्म मैं पहलवानों के चरित्र को इस तरह से दर्शाना बहुत ही गलत है.

उन्होंने आगे कहा कि हम सेंसर बोर्ड और प्रधानमंत्री से मांग करते हैं इस फिल्म से गलत दृश्य हटाए, जिसके बाद ही यहां फिल्म लगवाया जाएगा. पहलवानों का अपमान किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सेंसर बोर्ड को परमिशन देने से पहले फिल्म को पूरी तरह से जांचना चाहिए था.

फिल्म में अदा शर्मा, अंगिरा धर और गुलशन देवय्या भी लीड रोल्स में हैं. रिलाइंस एंटरटेनमेंट और मोशन पिक्चर्स कैपिटल के साथ सन शाइन पिक्चर्स द्वारा प्रस्तुत, द विपुल अमृतलाल शाह प्रोडक्शन की फिल्म 29 नवंबर को रिलीज हुई.

Last Updated : Dec 3, 2019, 1:48 PM IST

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