हैदराबाद : 'द कश्मीर फाइल्स' मात्र एक फिल्म नहीं है, बल्कि यह देश में हुए उस दर्दनाक किस्से की कहानी को बयां कर रही है, जिसका दर्द कश्मीरी पंडितों के दिलों में सालों से दफन है. ऐसा फिल्म के समर्थक कह रहे हैं. देश में इस फिल्म पर चर्चा आग की तरह फैल रही है. फिल्म की आंच अब राजनीति तक पहुंच चुकी है और लड़ाई सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच उतर आई है. इस फिल्म से सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहे फिल्म के डायरेक्टर विवेक रंजन अग्निहोत्री को लेकर भी सोशल मीडिया दो धड़ों में बंट गया है. इस बीच विवेक की एक पुरानी तस्वीर सोशल मीडिया पर रफ्तार पकड़ रही है, जिसमें वह जामा मस्जिद के नजदीक नमाज अदा करते दिख रहे हैं.
पुरानी तस्वीर नया विवाद
गौरतलब है कि विवेक की यह तस्वीर साल 2012 की है, जिसे डायरेक्टर ने खुद ट्वीट की थी. फिल्म के साथ-साथ अब विवेक इस तस्वीर से भी कुछ लोगों के निशाने पर आ गये हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर एक धड़ा विवेक के लिए ढाल बनकर खड़ा हैं.
फिल्म क्यों है चर्चा में?
चलिए पहले आपको बताते हैं आखिर क्या है 'द कश्मीर फाइल्स का विवाद'. फिल्म में 1990 में कश्मीर हुए उस नसंहार को दिखाया जा रहा है कि जिसका दंश आज तक कश्मीरी पंडित नहीं भूले हैं. कश्मीरियों पर आतंकियों के इस प्रहार ने उन्हें कश्मीर छोड़ने पर मजबूर कर दिया था.
'मुस्लिमों के लिए घोला जा रहा जहर'
अब सोशल मीडिया पर एक पक्ष यह कह रहा है कि इतनी दर्दनाक सच्चाई को अब तक क्यों छिपाकर रखा गया. वहीं, एक पक्ष का कहना है कि फिल्म के जरिए मुस्लिमों के प्रति जहर घोलने का काम किया जा रहा है.