मुंबई : सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से नेपोटिज्म पर बहस तेज हो गई. अपनी बेबाकी के लिए मशहूर कंगना रनौत ने इस पर खूब अपनी बात रखी. अपने हालिया इंटरव्यू में करण जौहर से लेकर आदित्या चोपड़ा तक सभी पर उन्होंने निशाना साधा. इसी चर्चा में उन्होंने तापसी पन्नू और स्वरा भास्कर जैसी आउटसाइडर्स को भी लपेट लिया और उन्हें बी ग्रेड एक्ट्रेस तक कह डाला. इस बी ग्रेड एक्ट्रेस वाले कमेंट के बाद लग रहा है कि यह बहस नेपोटिज्म के साथ-साथ कंगना रनौत वर्सेज तापसी पन्नू और स्वरा भास्कर हो गई है.
दरअसल, तीनों ही अभिनेत्रियों के ट्विटर अकाउंट पर नजर डाली जाए तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह शब्दों के जरिए एक दूसरे पर निशाना साधा जा रहा है. तो चलिए एक बार शुरू से देख लेते हैं कि आखिर मामला क्या है.
कंगना रनौत ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में बोला कि तापसी और स्वरा हैं बी- ग्रेड एक्ट्रेसेस. तापसी ने तब एक टवीट किया, जिसे कंगना के लिए उनका जवाब माना गया.
तापसी ने लिखा, 'मैंने सुना क्लास 12 और 10 के रिजल्ट के बाद हमारा रिजल्ट भी आ गया है. हमारा ग्रेड सिस्टम अब ऑफिशल है? अभी तक तो नंबर सिस्टम पर वैल्यू डिसाइड होती थी ना?'
स्वरा ने भी तापसी की तारीफ करते हुए लिखा, 'बहुत अच्छा बोलीं तापसी. हमेशा सही निशाने पर...'
इसके बाद स्वरा ने ट्विटर पर लिखा, 'ठीक है टॉपिक पर बात करते हैं... खुलासा करती हूं और मानती हूं कि मुझे जरूरत है. मुझे सम्मानजनक पब्लिक इंटरैक्शन की जरूरत है. मुझे बहस में तथ्यों और तर्कों की जरूरत है. मुझे समझदार, सभ्य और सम्मानित बातचीत की जरूरत है. मुझे कानून के शासन की जरूरत है और मुझे तथ्यों की जरूरत है. आपको क्या चाहिए?'
स्वरा यहीं नहीं रुकीं बल्कि उन्होंने कंगना का एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें वह तापसी और स्वरा को चापलूस आउडसाइडर्स बोल रही हैं. अपने ट्वीट में स्वरा ने लिखा, '1955 में पाथेर पांचाली के साथ कंगना जी ने समानांतर सिनेमा चलाया, 2013 में क्वीन फ़िल्म के साथ फ़ेमिनिज़म शुरू किया पर इस सब से पहले 1947 में उन्होंने भारत को आज़ादी दिलवायी थी. -कहत एक अज्ञात चापलूस ज़रूरतमंद आउट्साइडर, चापलूसी का फल (आम) खाते और उँगलियाँ चाटते हुए.'
जिसके जवाब में कंगना की टीम ने लिखा, प्रिय@ReallySwara आपमें से कोई भी भारतीय सिनेमा के स्वर्ण युग में पैदा नहीं हुआ था, गैंगस्टर्स माफियाओं और डॉन्स के उद्योग संभालने के बाद यह बड़ा बदबूदार गटर बन गया था और नारीवाद और समानांतर सिनेमा का जागरण क्वीन 2014 के साथ हुआ था अगर ऐसा नहीं हुआ तो कृपया हमें बताएं क्या हुआ?
इसके जवाब में स्वरा ने लिखा, कंगना जी & her team,1955 में सत्यजीत रे की पाथेर पांचाली को पैरलेल सिनमा का आग़ाज़ माना जाता है। उनके साथ मृणाल सेन & ऋत्विक घटक इस सिनमा के parents माने जाते हैं। 70 के दशक में न्यू वेव सिनमा आया (मणि कौल, कुमार शाहणी, सईद मिर्ज़ा, श्याम बेनेगल, कुंदन शाह etc.), साथ ही साथ Middle cinema में साई परांजपे जी इत्यादि, फ़ारूक़ शेख़ सर, दीप्ति नवल जी, अमोल पालेकर साहब यादगार चेहरे हैं। 2000 के बाद के बदलते बॉलीवुड सिनमा में, मैं पीपली liveभेजा फ़्राई, खोसला का घोंसला को पैरलेल स्पेस में मानती हूँ। क्वीन (2013) मेरे लिए मेन्स्ट्रीम फ़िल्म थी.
उन्होंने टवीट कर लिखा, तनु वेड्ज़ मनु के साथ आपने, आनंद राय & हिमांशु शर्मा ने कमर्शल मेन्स्ट्रीम बॉलीवुड को एक नया रूप दिया. kudos! नहीं, क्वीन पैरलेल सिनमा नहीं. रही बात फ़ेमिनिस्ट फ़िल्मों की तो English Vinglish (2012), क्वीन के पहले आयी थी. Sridevi जी & गौरी शिन्दे को श्रेय मिलना चाहिए.
वापस आ जाएं अगर तापसी के टवीटर पर तो उनके टवीट पर रिएक्ट करते हुए फिल्ममेकर कनिका ढिल्लन ने कहा था कि उनकी (तापसी की) रिलीज हुई पिछली 5 फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर 352 करोड़ रूपए कमाने के साथ धमाल मचा दिया था.
तापसी ने इसके जवाब में लिखा मुझे लगता है यह मुझे बी ग्रेड के लिए क्वालिफाइड करता है.
कंगना की टीम ने इस पर जवाब देते हुए फिर एक और ट्वीट में कहा, ''मिशन एम' और 'बदला' मेल डोमिनेटेड फिल्में थीं. तापसी ने अपनी जिंदगी में एक भी सोलो हिट फिल्म नहीं दी है. कनिका ढिल्लन और लेफ्ट का पूरा इकोसिस्टम सुशांत सिंह राजपूत के मर्डर को कवर अप करने की कोशिश कर रहा है.''
अब इसका जवाब देते हुए तापसी ने फिर एक टवीट किया, "सोलो" फिल्म जैसी कोई फिल्म नहीं है, "छोटा मोटा" अभिनेता जैसा कोई अभिनेता नहीं है. फिल्म एक टीम का प्रयास है जिसमें सभी विभाग, सभी कलाकार शामिल हैं. एक नायक सपोर्टिंग कास्ट के समर्थन के बिना कुछ नहीं है. सम्मान अर्जित किया जाता है जबरदस्ती लिया नहीं जाता.
तापसी ने आज कंगना के एक पुराने इंटरव्यू का एक वीडियो शेयर कर टवीट करते हुए लिखा, अरे?? तो अब फाइनल क्या है? मैटर करता है हम अंदर के लोग हैं या नहीं. यार ये सब कुछ बहुत कंफ्यूजिंग होता जा रहा है. मैं इस सबसे बाहर निकलना चाहती हूं इससे पहले कि मैं भूल जाऊं कि मेरा स्टैंड क्या है?
इसके बाद तापसी ने एक और टवीट कर कहा, ओह, सारा कसूर ये कोटा सिस्टम का है! चलो यह समझने के लिए सरल था. हो गया हल. सरल. अब सभी अच्छा हमारे क्षेत्र में या उनके क्षेत्र में मतलब जिसकी भी हैं समझ जाओ यार.
अब तापसी के इस ट्वीट पर कंगना की टीम का क्या जवाब आता है. और फिर उस पर तापसी का....और फिर यह शब्दों की बहस किस मोड़ पर आकर आखिर होती है? यह वक्त ही बता पाएगा.