मुंबई : जब पटकथा लेखक संदीप श्रीवास्तव ने बायोपिक 'शेरशाह' के लिए दिवंगत कैप्टन विक्रम बत्रा की जिंदगी के पन्ने खोलना शुरू किए तो उन्हें यह अहसास हुआ कि फिल्म करगिल युद्ध के शहीद की बहादुरी तक ही सीमित नहीं हो सकती, बल्कि इसमें एक अमर प्रेमकथा भी शामिल है. भारतीय सेना का एक साहसी अधिकारी होने के साथ ही कैप्टन बत्रा हिमाचल प्रदेश के छोटे से पर्वतीय शहर पालमपुर का एक ऐसा शख्स थे, जो डिंपल चीमा के इश्क में पड़े, जो उनके साथ चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में एमए अंग्रेजी में पढ़ती थीं.
इन फिल्मों की कहानी तैयार कर चुके हैं संदीप
'अब तक छप्पन', 'काबुल एक्सप्रेस' और 'न्यूयॉर्क' तथा डिज्नी प्लस हॉटस्टार की सीरीज 'आर्या' की कहानी लिख चुके श्रीवास्तव ने कहा कि वह चीमा की कहानी को थोड़ा और जानना चाहते थे, जो कैप्टन बत्रा की जिंदगी में काफी अहम रही.
12 अगस्त को रिलीज हुई फिल्म 'शेरशाह' की कैप्टन बत्रा की जिंदगी को संवेदनशील तरीके से दिखाने के लिए काफी तारीफ मिल रही हैं. कैप्टन बत्रा 1999 के करगिल युद्ध के दौरान अपनी अंतिम सांस तक लड़े थे.
श्रीवास्तव ने कहा कि 'शेरशाह' ने उन्हें कैप्टन बत्रा की जिंदगी को फिल्मी पर्दे पर दिखाने का मौका दिया और यह फिल्म वर्दी पहने एक शख्स की उपलब्धियों से कहीं आगे की है.
संदीप ने लोगों से की बात
लेखक ने कहा, 'मुझे यह अहसास हुआ कि यह महज एक युद्ध नायक की कहानी नहीं है बल्कि इसमें एक छोटे से शहर के लड़के की काफी संवेदनशील कहानी और उसकी जिंदगी में हुई घटनाओं की कहानी है. मैं जिस भी व्यक्ति से मिला उसने उनके, जोश के बारे में अच्छी बातें ही कही. फिर एक प्रेम कहानी सामने आयी. मुझे लगा कि मेरे पास न केवल उनकी बहादुरी बल्कि उनकी असाधारण प्रेम कहानी को दिखाने का मौका है जो विरले ही देखने को मिलती है.'
श्रीवास्तव ने 2017 में इस फिल्म पर काम करना शुरू किया लेकिन आधिकारिक रूप से इसकी शुरुआत 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस पर हुई जब वह लद्दाख के करगिल जिले के द्रास सेक्टर में फिल्म निर्माता शब्बीर बॉक्सवाला और कैप्टन बत्रा के जुड़वां भाई विशाल बत्रा के साथ गए.