मुंबई : अभिनेता शरद केलकर का कहना है कि बॉलीवुड में उनकी अब तक की यात्रा अनुभवों और सीख से भरी हुई है. इस यात्रा ने उन्हें एक कलाकार के रूप में परिपक्वता हासिल करने में मदद की है. केलकर को बॉलीवुड में आठ वर्ष हो गए हैं.
शरद ने आईएएनएस को बताया, "यह (यात्रा) काफी अच्छा रही है. इस दौरान मैंने अच्छा-बुरा दोनों तरह का समय देखा है. ये हमें सिखाते हैं कि हमें क्या करना है और क्या नहीं. यह अनुभवों और सीख से भरा सफर है. इसने मुझे कलाकार के रूप में एक परिपक्वता दी है. मैंने हिट और फ्लॉप का समय भी देखा है, मैंने लगातार काम करने का समय भी देखा है और एक साल तक कोई भी काम न मिलने का समय भी देखा है. लिहाजा अब मुझे लगता है कि मैं एक पेशेवर के रूप में परिपक्व हो गया हूं."
शरद ने 2013 में संजय लीला भंसाली की 'गोलियां की रासलीला राम-लीला' से बॉलीवुड में शुरूआत की थी. फिर उन्हें 'मोहंजोदारो', 'भूमि', 'हाउसफुल 4' और 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' जैसी फिल्मों में देखा गया.
क्या उन्हें कोई पछतावा है? इस बात पर वो कहते हैं, "वास्तव में नहीं. ईश्वर दयालु है. मैंने जो कुछ भी किया है वह अच्छी तरह से हुआ है. मुझे जीवन में पछतावा नहीं है. मैं वह काम नहीं करता जिसके लिए मेरा दिल नहीं मानता है."