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शबाना आजमी ने पुण्यतिथि पर किया शशि कपूर को याद - शशि कपूर डेथ एनिवर्सरी

हिंदी सिनेमा के लेजेंडरी एक्टर सवर्गीय शशि कपूर जी को उनकी पुण्यतिथि पर याद करते हुए वेटरन एक्टर शबाना आजमी ने उन्हें ट्रिब्यूट पेश किया.

shabana azmi remebers shashi kapoor on his death anniversary
shabana azmi remebers shashi kapoor on his death anniversary

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Published : Dec 4, 2019, 10:31 PM IST

मुंबईः कई खास बातों के साथ 4 दिसंबर के दिन हिंदी सिनेमा के लेजेंडरी एक्टर शशि कपूर की डेथ एनिवर्सरी भी है.

आइकॉनिक स्टार को याद करते हुए, शबाना आजमी जिन्होंने अभिनेता के साथ स्क्रीन स्पेस भी शेयर किया है, उन्होंने ट्विटर पर अभिनेता को ट्रिब्यूट पेश किया.

शबाना ने ट्वीट में लिखा, '2 साल हो गए.. आपने दिया और सिर्फ दिया.. परिवार, दोस्तों, थिएटर और इंडियन फिल्म इंडस्ट्री को.. सराहना के साथ आपको याद करते हुए माननीय शशिजी.'

शशि कपूर की मौत 79 साल की उम्र में हुई और उनकी मौत ने बॉलीवुड फैंस कौ शॉक कर दिया और लोग गम में डूब गए. शशि कपूर आइकॉनिक एक्टर पृथ्वीराज कपूर के बेटे थे और राज और शम्मी कपूर के छोटे भाई. 'आवारा' जैसी फिल्मों में यंग राज कपूर का किरदार निभाने के बाद, शशि कपूर ने बतौर लीड हीरो अपना डेब्यू 1961 की फिल्म 'धर्मपुत्र' से किया था.

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अगले 40 सालों में, 'त्रिशूल', 'नमक हलाल' और 'जूनुनू' जैसी फिल्मों ने इंडियन सिनेमा में उनके एक्टिंग का परचम लहराया.

अपने जमाने के वन ऑफ द रोमांटिक हीरो में से एक शशि कपूर का फिल्म 'दीवार'(1975) का वह आइकॉनिक डायलॉग कौन भूल सकता है जब अमिताभ बच्चन उनसे पूछते हैं, 'मेरे पास घर है, गाड़ी है, बंगला है, बैंक बैलेंस है, क्या है तुम्हारे पास..क्या?'

शशि जी अपने ही अंदाज में जवाब देते हैं, 'मेरे पास मां है...'

इसी तरह 'कभी-कभी'(1976), 'सत्यम शिवम सुंदरम'(1978), 'जब जब फूल खिले'(1965) 'कल्युग'(1981), 'आ गले लग जा'(1973), 'शर्मीली'(1971), 'काला पत्थर'(1979), 'सुहाग'(1979), 'शान'(1980), 'वक्त'(1965), 'चोर मचाए शोर'(1974), 'दो और दो पांच'(1980), 'सिलसिला'(1981), 'रोटी कपड़ा और मकान'(1974), 'जानवर और इंसान'(1972), 'हीरालाल पन्नालाल'(1978) और 'क्रांति'(1981) जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं जिसमें से ज्यादातर फिल्मों में शशि कपूर और अमिताभ बच्चन की जुगलबंदी देखने लायक थी.

इनपुट्स- एएनआई

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