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RIP सरोज खान: डांस की मल्लिका ने दुनिया को कहा अलविदा - डांस कोरियोग्राफर सरोज खान निधन

बॉलीवुड की उल्लेखनीय कोरियोग्राफर सरोज खान शुक्रवार के दिन दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गईं. खान के निधन की खबर से पूरा बॉलीवुड जगत शोक में डूबा हुआ है. बैकग्राउंड डांसर से लेकर मास्टर कोरियोग्राफर बनने तक, खान ने सफलता का स्वाद चखा है. नेशनल अवार्ड विजेता के साथ आखिरी वक्त में उनके पति, एक बेटे और दो बेटियां मौजूद थीं.

Bollywood choreographer Saroj Khan death
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Published : Jul 3, 2020, 12:03 PM IST

मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत, इरफान खान, ऋषि कपूर और वाजिद खान के निधन के दुख से अभी सब उभर भी नहीं पाए थे कि बॉलीवुड की जानी मानीं कोरियोग्राफर सरोज खान की मौत की खबर ने सभी को फिर से सदमा दे दिया.

22 नवंबर, 1948 को निर्मला नागपाल के रूप में जन्मीं सरोज खान ने तीन साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने फिल्म 'नज़राना' में चाइल्ड आर्टिस्ट श्यामा का किरदार निभाया.

50 के दशक में उन्होंने एक बैकग्राउंड डांसर के रूप में काम करना शुरू किया था. उन्हें साल 1974 में 'गीता मेरा नाम' के साथ एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में पहला ब्रेक मिला.

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लगभग 2000 गानों को कोरियोग्राफी करने वाली खान को मदर ऑफ डांस कोरियोग्राफी इन इंडिया कहा जाने लगा.

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खान ने प्रशंसित फिल्म कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल के अधीन काम करते हुए डांस कला में महारत हासिल की.

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कहते हैं कि प्रेम कोई सीमा नहीं जानता और ठीक ही है. सरोज 1961 में, 13 साल की उम्र में, 45 साल के सोहनलाल के साथ शादी के बंधन में बंध गईं. हालांकि, उनकी शादी लंबे समय तक नहीं चली. माना जाता है कि खान को नहीं पता था कि उनके पति पहले से ही शादीशुदा हैं और 4 बच्चों के पिता हैं. हालांकि, 1965 में उनका तलाक हो गया.

अब, खान के परिवार में उनके दूसरे पति, बेटे हामिद खान और बेटियां हिना खान और सुकैना खान हैं.

मास्टरजी के नाम से प्रसिद्ध, खान 1950 के दशक के अंत में एक बैकग्राउंड डांसर रूप में दिखाई दीं. बाद में, उन्होंने कोरियोग्राफी को अपनाया. स्वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में ब्रेक मिलने से पहले, सरोज खान ने शुरुआत में एक सहायक कोरियोग्राफर के रूप में काम किया.

खान ने 1974 में फिल्म 'गीता मेरा नाम' के साथ कोरियोग्राफी करियर की शुरुआत की थी. लेकिन एक कोरियाग्राफर के रूप में पहचान बनाने में उन्हें कई साल लग गए.

मिस्टर इंडिया (1987), नगीना (1986) चांदनी (1989) में श्रीदेवी और तेजाब (1988), थानेदार (1990 (बेटा) 1992 में माधुरी दीक्षित के साथ काम करने के बाद खान को बहुप्रतीक्षित प्रशंसा मिली.

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आखिरकार, सफलता ने उनके कदम चूमे और बॉलीवुड की सबसे सफल कोरियोग्राफर में से एक बन गईं.

उनकी कुछ आइकॉनिक कोरियोग्राफी में श्रीदेवी का हवा हवाई, मैं नागिन तू सपेरा और माधुरी दीक्षित का एक दो तीन, धक धक करने लगा और तम्मा तम्मा शामिल हैं जो आज भी लोकप्रिय हैं.

माधुरी और श्रीदेवी के अलावा, खान ने काजोल, शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, करीना कपूर, दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, जान्हवी कपूर, सुनील शेट्टी और संजय दत्त सहित कई अन्य लोगों को भी कोरियोग्राफ किया है.

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सालों बाद, 2014 में, उन्होंने गुलाब गैंग में माधुरी दीक्षित के साथ फिर से काम किया.

हाल ही में, खान ने कुछ ही चुनिंदा नई परियोजनाओं पर काम किया. हालिया कामों में कंगना रनौत की मणिकर्णिका और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स शामिल हैं.

सरोज खान ने आखिरी बार 2019 में करण जौहर के प्रोडक्शन तले बनी फिल्म 'कलंक' के गाने 'तबाह हो गए' में माधुरी दीक्षित को कोरियोग्राफ किया था.

आज कार्डियक अरेस्ट के चलते कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन हो गया. उन्हें 17 जून को सांस की शिकायत के चलते मुंबई के बांद्रा स्थित गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सरोज खान ने शुक्रवार सुबह 1.52 बजे अंतिम सांस ली.

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