मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत, इरफान खान, ऋषि कपूर और वाजिद खान के निधन के दुख से अभी सब उभर भी नहीं पाए थे कि बॉलीवुड की जानी मानीं कोरियोग्राफर सरोज खान की मौत की खबर ने सभी को फिर से सदमा दे दिया.
22 नवंबर, 1948 को निर्मला नागपाल के रूप में जन्मीं सरोज खान ने तीन साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की. उन्होंने फिल्म 'नज़राना' में चाइल्ड आर्टिस्ट श्यामा का किरदार निभाया.
50 के दशक में उन्होंने एक बैकग्राउंड डांसर के रूप में काम करना शुरू किया था. उन्हें साल 1974 में 'गीता मेरा नाम' के साथ एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में पहला ब्रेक मिला.
लगभग 2000 गानों को कोरियोग्राफी करने वाली खान को मदर ऑफ डांस कोरियोग्राफी इन इंडिया कहा जाने लगा.
खान ने प्रशंसित फिल्म कोरियोग्राफर बी. सोहनलाल के अधीन काम करते हुए डांस कला में महारत हासिल की.
कहते हैं कि प्रेम कोई सीमा नहीं जानता और ठीक ही है. सरोज 1961 में, 13 साल की उम्र में, 45 साल के सोहनलाल के साथ शादी के बंधन में बंध गईं. हालांकि, उनकी शादी लंबे समय तक नहीं चली. माना जाता है कि खान को नहीं पता था कि उनके पति पहले से ही शादीशुदा हैं और 4 बच्चों के पिता हैं. हालांकि, 1965 में उनका तलाक हो गया.
अब, खान के परिवार में उनके दूसरे पति, बेटे हामिद खान और बेटियां हिना खान और सुकैना खान हैं.
मास्टरजी के नाम से प्रसिद्ध, खान 1950 के दशक के अंत में एक बैकग्राउंड डांसर रूप में दिखाई दीं. बाद में, उन्होंने कोरियोग्राफी को अपनाया. स्वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में ब्रेक मिलने से पहले, सरोज खान ने शुरुआत में एक सहायक कोरियोग्राफर के रूप में काम किया.