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दिलीप कुमार के पैतृक मकान को मालिक ने सरकारी दर पर बेचने से इनकार किया - Dilip Kumar latest news

पाकिस्तान में स्थित अभिनेता दिलीप कुमार के पैतृक मकान के मालिक ने सरकार द्वारा तय मूल्य पर घर बेचने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह इस संपत्ति के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग रखेगा. जबकि पेशावर प्रशासन द्वारा मकान कीमत 80.56 लाख रुपये तय की गई है.

Owner of actor Dilip Kumar’s ancestral house in Pak refuses to sell it at government rate
दिलीप कुमार के पैतृक मकान को मालिक ने सरकारी दर पर बेचने से इनकार किया

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Published : Feb 7, 2021, 9:21 AM IST

पेशावर : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत स्थित महान अभिनेता दिलीप कुमार के पैतृक मकान के मालिक ने सरकार द्वारा तय मूल्य पर इस घर को बेचने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वह इस संपत्ति के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग रखेगा क्योंकि प्रशासन ने इसके बहुत कम दाम लगाए हैं.

प्रांतीय सरकार ने पेशवर में चार मर्ला यानी 101 वर्गमीटर में फैले इस मकान की कीमत 80.56 लाख रुपये लगाई थी. हालांकि मकान के मालिक हाजी लाल मुहम्मद ने कहा कि जब उससे पेशावर प्रशासन संपर्क करेगा तब वह इस संपत्ति के लिए 25 करोड़ रुपये मांगेंगे.

मुहम्मद ने कहा कि उसने 2005 में सारी औपचारिकताएं पूरी कर 51 लाख रुपये में यह संपत्ति खरीदी थी और उसके पास मकान के सारे कागजात हैं. उन्होंने कहा कि 16 साल बाद इस संपत्ति की कीमत मात्र 80.56 लाख रुपये तय करना सरकार के लिए उचित नहीं है.

मुहम्मद ने कहा कि मोहल्ला खुदादाद किस्सा ख्वानी बाजार स्थित संपत्ति बहुत महंगी है और यहां प्रति मर्ला पांच करोड़ रुपये की दर है, ऐसे में वह अपने वकील के मार्फत प्रशासन से 25 करोड़ रुपये मांगेगा.

उसने कहा, 'चार मर्ला संपत्ति महज 80 लाख रुपये में कैसे बेची जा सकती है?'

इससे पहले पेशावर में ही बॉलीवुड अभिनेता राजकपूर के पैतृक मकान के मालिक ने छह मर्ला यानी 151.75 वर्गमीटर में फैली संपत्ति ‘कपूर हवेली' के लिए 200 करोड़ रुपये मांगे थे, जबकि सरकार ने इसकी कीमत 1.50 करोड़ रुपये तय की थी. यह मकान भी किस्सा ख्वानी बाजार में ही है जिसे अभिनेता के दादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने 1918-22 के बीच बनवाया था.

पढ़ें : पाकिस्तान : सरकार ने दी दिलीप कुमार, राज कपूर के पैतृक घरों को खरीदने के लिए धनराशि की मंजूरी

पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्मयंत्री के विशेष सूचना सहायक कामरान बंगश ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि प्रांत सरकार दोनों ही मकानों को पुरातात्विक संग्रहालयों में तब्दील करने के लिए उनके मालिकों के साथ सौहार्दपूर्ण हल पर पहुंच जाएगी.

(इनपुट - भाषा)

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