मुंबई : अभिनेता अभय देओल इन दिनों अपने सोशल मीडिया हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और हर मुद्दे पर अपने विचार को बेझिझक सबके सामने रखते हैं.
सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद अभय ने 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' के लिए नॉमिनेट ना होने पर सवाल किए थे. वहीं अब अभिनेता को लगता है कि नेपोटिज्म हर जगह है.
अभय ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकांउट पर दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के साथ खुद की एक तस्वीर साझा की है.
जिसके साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा, 'मेरे अंकल, जिन्हें मैं प्यार से डैड कहता हूं. एक आउटसाइडर थे, जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम बनाया. मुझे खुशी है कि पर्दे के पीछे क्या होता है उस पर अब एक एक्टिव बहस चल रही है. नेपोटिज्म बस इसका एक छोटा सा हिस्सा है. मैंने अपने परिवार के साथ केवल एक फिल्म की, मेरी पहली फिल्म, मैं आभारी हूं कि मैंने ये सौभाग्य प्राप्त किया है. मैं अपने करियर का रास्ता बनाने के लिए काफी आगे तक आया, डैड ने हमेशा प्रोत्साहित किया. मेरे लिए वह प्रेरणा थे.'
'नेपोटिज्म हमारी संस्कृति में हर जगह है, चाहे वह राजनीति हो, व्यवसाय हो या फिल्म. मैं इसके बारे में अच्छी तरह से जानता था और इसने मुझे अपने पूरे करियर में नए निर्देशकों और निर्माताओं के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया. इस तरह मैं ऐसी फिल्में बनाने में सक्षम हो गया, जिन्हें "आउट ऑफ द बॉक्स" माना जाता था. मुझे खुशी है कि उन कलाकारों और फिल्मों में से कुछ को जबरदस्त सफलता मिली.'
अभय ने आगे लिखा, 'नेपोटिज्म हर देश में है, भारत में नेपोटिज्म ने एक और आयाम हासिल कर लिया है. जाति दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में यहां बड़ा रोल प्ले करती है. आखिरकार, ये "जाति" है जो ये तय करती है कि एक बेटा अपने पिता के काम को आगे चलाता है, जबकि बेटी से शादी करके, एक हाउस वाइफ होने की उम्मीद की जाती है.'