हैदराबाद : 'चांद सी महबूबा हो मेरी.. ये कब मैंने सोचा था', 'कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है'... यह वो सदाबहार नगमें हैं, जिन्हें पार्श्व गायक मुकेश ने अपनी मधुर आवाज से सजाया था. आज मुकेश की पुण्यतिथि है. उनका जन्म 22 जुलाई 1923 को दिल्ली में हुआ था. वहीं, 27 अगस्त 1976 को अमेरिका में उन्होंने अंतिम सांस ली थी. आइए जानते हैं उनके बारे में ये खास बातें...
मन को छू जाने वाली मुकेश की आवाज दिल को बड़ी राहत देती थी. मुकेश ने हिंदी सिनेमा में तीन दशक तक अपनी आवाज का जादू बिखेरा था. उन्होंने 40 के दशक से अपने गायकी के सफर की शुरुआत की थी और 70 के दशक तक उनका सफर लाजवाब रहा.
शादी में गाते थे मुकेश
मुकेश का पूरा नाम मुकेश चंद माथुर था. वह अपनी पिता की छठवीं संतान थे. दसवीं की पढ़ाई पूरी कर मुकेश ने दिल्ली में सामाजिक कार्य करना शुरू किया. इधर वह शादियों में भी गाया करते थे. एक दिन एक शादी में जब अभिनेता मोतीलाल ने मुकेश की आवाज सुनी तो वह उनकी आवाज में खो गए.
इसके बाद मुकेश को फिल्म 'निर्दोष' में पहला ब्रेक मिला. इस फिल्म में उन्होंने अपना पहला गाना 'दिल जलता है...तो जलने दो' गाया था. यह गाना आज भी लोगों की जुबां पर रटा हुआ है. मुकेश ने तकरीबन हर अभिनेता को अपनी आवाज दी, लेकिन राज कपूर पर उनकी आवाज का जादू सबसे ज्यादा दिखा.
राज कपूर के लिए गाए गाने हुए हिट
मुकेश ने राज कपूर को 'अवारा', 'मेरा नाम जोकर', 'श्री 420' और 'संगम' जैसी फिल्मों के गानों में अपनी आवाज दी थी. इन फिल्मों में गाए मुकेश के गाने अब सदाबहार लिस्ट में शामिल हैं. 'अवारा हूं', 'जाने कहां गए वो दिन', 'जीना यहां मरना यहां', 'दुनिया बनाने वाले', और 'इक दिन बिक जाएगा माटी के मोल' ये कुछ ऐसे गाने हैं, जो राज कपूर पर फिल्माए गए. यकीकन आज भी लोग इन गानों को नहीं भूले होंगे.