मुंबई: महेश भट्ट की कानूनी टीम ने इस बात की जानकारी दी है कि उन्हें कथित ब्लैकमेल और यौन उत्पीड़न से संबंधित एक मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) से कोई नोटिस नहीं मिला है.
गुरुवार को इस बात की सूचना मिली कि महिला आयोग ने भट्ट सहित उर्वशी रौतेला, ईशा गुप्ता, मौनी रॉय और प्रिंस नरुला को एक नोटिस जारी किया है. जिसके तहत मॉडलिंग में काम देने के नाम पर कई लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न और ब्लैकमेल करने के एक आरोपी के खिलाफ इन्हें अपने बयान दर्ज कराने हैं.
मीडिया और सोशल मीडिया में पेश किए गए इन रिपोर्टस में यह भी कहा गया कि मॉडलिंग फर्म आईएमजी वेंचर्स को कथित तौर पर बढ़ावा देने वाली इन हस्तियों को नया नोटिस उस वक्त जारी किया गया जब छह अगस्त को सुनवाई के लिए बुलाए जाने के बावजूद ये आने में विफल रहे.
हालांकि भट्ट की कानूनी टीम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें महिला आयोग से इस तरह का कोई भी नोटिस नहीं मिला है.
फिल्मकार की तरफ से आयोग को भेजे गए एक पत्र में लिखा है : "हमारे मुवक्किल इस पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं कि उन्हें महिला आयोग की तरफ से ऐसा कोई भी नोटिस नहीं मिला है, जिसका जिक्र आपने अपने ट्वीट में किया है. हम समझते हैं कि एक गवाह के तौर पर हमारे मुवक्किल की उपस्थिति की मांग करने के लिए आपकी तरफ से नोटिस जारी किया गया है.''