इंदौर: स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज 92 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई. लता का जन्म मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था. लता मंगेशकर की संगीत विरासत और गीत-संगीत के सफर को लेकर फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने ईटीवी भारत से विशेष बात की. (jaiprakash chowkse interview)
अपने नाटकों में अभिनय करते थे लता और उनके पिता
चर्चित फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे ने बताया कि लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर शहर दर शहर यात्रा करके अपने नाटक का मंचन करते थे. लोग उन्हें नटसम्राट कहा करते थे. ऐसी ही यात्रा के दौरान उनका परिवार इंदौर आया था. उन्होंने यहां के सिख मोहल्ले के पास गली में एक मकान किराए पर लिया था. इंदौर इसलिए प्रसिद्ध नहीं कि यहां पर यशवंत राव होल्कर का महल या राजवाड़ा है, बल्कि इंदौर इसलिए महत्वपूर्ण शहर है, क्योंकि यहां लता मंगेशकर का जन्म हुआ. लता मंगेशकर ने अपने जीवन के प्रारंभिक वर्ष यहीं बिताए. (Lata Mangeshkar health update)
पांच बहनों और एक भाई की जिम्मेदारी निभाई
अपने संघर्ष के दिनों में लता मंगेशकर ने अपने पिता के साथ नाटक में अभिनय भी किया करती थीं. जब उनके पिता की अल्प आयु में मृत्यु हो गई, तो पांच बहनों और एक भाई के जीवन यापन की जिम्मेदारी लता मंगेशकर पर आ गई और उन्होंने बहुत कम उम्र में ही फिल्म जगत में काम शुरू किया. शुरुआती दौर में उन्होंने काम अभिनय से शुरूआत की लेकिन बाद में उनका झुकाव पार्श्व गायन की ओर हो गया.
नूरजहां के स्टाइल को छोड़कर खुद स्थापित हुई
लता मंगेशकर के शुरुआती गायन के दौर में उनके गीतों में नूर जहां की झलक मिलती थी. जब राज कपूर अपनी फिल्म बरसात बना रहे थे, तब राज कपूर ने लता मंगेशकर को सलाह दी कि तुम्हें किसी और गायक की शैली में नहीं गाना है. ईश्वर ने आपको खुद अपनी गायन शैली दी है. उसी शैली को मानो और गीत गाओ. इसके बाद फिल्म बरसात में लता मंगेशकर ने अपने मूल गायन के रूप में गाना गाया और वह एक अलग शख्सियत के तौर पर स्थापित हुईं. उस दौरान बरसात फिल्म की जितनी लागत थी, उससे कहीं अधिक पैसा फिल्म के संगीत की रॉयल्टी से प्राप्त हुआ. माना जाता है कि लता मंगेशकर के गायन ने कई लोगों को अमीर बना दिया. प्रारंभ में उन्होंने एचएमवी कंपनी में अपने गायन के बदले में शेयर खरीदने शुरू किए थे, लेकिन कुछ समय बाद यह कंपनी जब एक व्यापारी को बेची जा रही थी तब उन्होंने अपने शेयर वहां से हटा लिए.
महाराष्ट्र सरकार ने सम्मान में बदल दिया था फ्लाईओवर का स्थान
कुछ साल पहले जब मुंबई महानगर पालिका एक फ्लाईओवर बना रही थी. फ्लाईओवर लता मंगेशकर के बंगले के सामने से गुजर रहा था, जिससे लता मंगेशकर की निजता भंग हो सकती थी. लता मंगेशकर ने ब्रिज का विरोध भी किया. इसके बाद तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने फ्लाईओवर का रास्ता बदल दिया जिससे लता मंगेशकर की निजता को कोई हानि न पहुंचे.
मुंबई के स्टूडियो में ही करती थी गानों की रिकॉर्डिंग
लता को लेकर यह भी चर्चित था कि वह अपने गानों की रिकॉर्डिंग सिर्फ मुंबई में ही करती थी. एक बार की बात है, बोनी कपूर अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित अभिनीत फिल्म पुकार बना रहे थे जिसमें एआर रहमान का म्यूजिक था. लता मंगेशकर की तरह ही संगीतकार ए आर रहमान अपने गानों की रिकॉर्डिंग चेन्नई में करते थे. यह बात जब बोनी कपूर ने लता मंगेशकर को बताई तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि उनके स्थान पर किसी और गायिका से गाने का गायन करवा लें. जब बोनी कपूर ने यह बात रहमान को बताई तो रहमान ने अपना पूरा सेटअप चेन्नई से मुंबई में शिफ्ट कराया और वह गाने की रिकॉर्डिंग कराने मुंबई ही पहुंचे. यह पहला मौका था जब लता मंगेशकर के लिए रहमान को अपने संगीत की रिकॉर्डिंग के लिए मुंबई जाना पड़ा. इस तरह से ए आर रहमान ने लता मंगेशकर के प्रति सम्मान प्रकट किया था.
गाने का फिल्मांकन लता मंगेशकर पर
पुकार फिल्म के दौरान बोनी कपूर ने लता मंगेशकर से एक गाना गवाया था. इस गाने का फिल्मांकन भी बोनी कपूर लता मंगेशकर पर ही करना चाहते थे. इसके बाद लता मंगेशकर ने अपने ऊपर फिल्माये जाने वाले गाने की शूटिंग की सहमति भी दे दी थी, लेकिन लता मंगेशकर की शर्त थी कि शूटिंग उनके हिसाब से तय होगी. इस फिल्म में एक गाना है जो लता जी का गाया हुआ है और लता पर ही उसका फिल्मांकन हुआ है.