हैदराबाद : हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार रह चुके मनोज कुमार का आज जन्मदिन है. बॉलीवुड में जब भी देशभक्ति की बात की जाती है तो एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर मनोज कुमार को जरूर याद करते हैं. आज उनका 84वां जन्मदिन है. बहुत कम लोग जानते होंगे कि मनोज कुमार रिफ्यूजी बनकर हिंदुस्तान आए थे, फिर कैसे हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार बन गए... आइये उनकी जिंदगी के दिलचस्प किस्सों के बारे में जानते हैं.
मनोज कुमार का जन्म ऐब्टाबाद पाकिस्तान में हुआ था और बंटवारे के बाद वह अपने परिवार के साथ भारत आ गए थे. उनका असली नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी है लेकिन आज लोग उन्हें मनोज कुमार या भारत कुमार के नाम से जानते हैं.
मनोज कुमार दिलीप कुमार की एक्टिंग के दीवाने थे. जब वह 11 साल के थे तब उन्होंने फिल्म शबनम देखी थी. इस फिल्म में उन्हें दिलीप कुमार की एक्टिंग बहुत पसंद आई थी जिसकी बाद जब उन्होंने फिल्मों में एंट्री करने का फैसला लिया तो उन्होंने अपना नाम बदलकर मनोज कुमार रख लिया. जो फिल्म शबनम में दिलीप कुमार के किरदार का नाम था.
दिलीप कुमार के साथ किया था काम
जिस एक्टर से प्रेरित होकर मनोज कुमार ने अपना नाम बदलने का फैसला लिया था. उन्होंने उनके साथ काम भी किया था. मनोज कुमार और दिलीप कुमार ने साथ में फिल्म शहीद, आदमी में काम किया था. इतना ही नहीं उन्हें दिलीप साहब को डायरेक्ट करने का मौका भी मिला था. दोनों एक बार फिर फिल्म क्रांति में काम किया था. इस फिल्म में मनोज कुमार और दिलीप साहब के साथ शशि कपूर, हेमा मालिनी और शत्रुघ्न सिन्हा अहम भूमिका निभाते नजर आए थे. इस फिल्म को मनोज कुमार ने डायरेक्ट करने के साथ प्रोड्यूस भी किया था.
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मनोज कुमार अपनी एक्टिंग से ऑडियन्स में देशभक्ति जगा देते थे. आज भी उनकी फिल्में सभी लोग उत्साह से देखते हैं. उन्हें शानदार एक्टिंग के लिए कई अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. साल 1992 में मनोज कुमार को पद्म श्री से सम्मानित किया गया था वहीं 2015 में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड दिया गया था. मनोज कुमार का इंडस्ट्री में बहुत बड़ा योगदान है.
बॉलीवुड में देशभक्ति का दौर लाने वाले का श्रेय मनोज कुमार को जाता है. फिल्म उपकार के लिए 1968 में नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला था. 1972 में बेईमान के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. 1992 में कला में योगदान के लिए पद्मश्री से नवाजा गया. साल 1999 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला. उन्हें साल 2016 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार भी मिला.