बेंगलुरु : कन्नड़ अभिनेत्रियां संजना गलरानी और रागिनी द्विवेदी ने डोप टेस्ट करवाने को राजी नहीं हो रही थीं.
पुलिस दोनों को डोप टेस्ट करवाने के लिए केसी अस्पताल में लेकर आई थी. जहां वह सीसीबी अधिकारियों के साथ बहस करने लगीं और उन्हें डांटते हुए कहा कि, "आप हमें यहां क्यों लाए हैं? आप हमें क्यों प्रताड़ित कर रहे हैं."
सीसीबी ने कोर्ट से अनुमति लेकर अभिनेत्रियों को डोप टेस्ट के लिए लाया था.
तमाम अराजकता के बावजूद, सीसीबी अधिकारियों ने अपने काम को जारी रखा और ड्रग टेस्ट के लिए उनके ब्लड सैंपल लिए.
अभिनेत्रियों ने सैंपल देने का विरोध करते हुए कहा कि यह उनके ग्लैमर को नुकसान पहुंचाएगा.
दो घंटे से अधिक समय तक बहस करने के बाद, डॉक्टरों ने उनके सैंपल लेने में सफलता हासिल की.
सूत्रों ने कहा, "परीक्षण से पुष्टि होगी कि आरोपी ने हाल ही में ड्रग्स का सेवन किया है या नहीं. मारिजुआना, कोकीन, एमडीएमए टैबलेट, मॉर्फिन और हेरोइन जैसे ड्रग्स का पता छह महीने तक लगाया जा सकता है."
संजना ने ना सिर्फ खुद को निर्दोष बताया बल्कि पुलिस पर भी उन्हें इस केस में बकरा बनाने का आरोप लगा दिया.
उन्होंने कहा, "मेरे पास ना कहने का अधिकार है, कोई भी मुझे परीक्षण करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है."
संजना ने यह भी कहा कि उनके वकील ने उन्हें बताया था कि परीक्षण को अस्वीकार करना उनका अधिकार है.
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संजना ने इंटरनेट पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कहा, "परीक्षण पर ना कहना मेरा मौलिक अधिकार है. मेरे वकील ने मुझे बताया है."