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कबीर, इम्तियाज, रीमा दास और ओनिर साथ में करेंगे खास फिल्म 'माय मेलबर्न' - इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न माय मेलबर्न

फिल्म निर्माता कबीर खान, इम्तियाज अली, रीमा दास और ओनिर की चौकड़ी चुनी हुई विक्टोरियन फिल्म निर्माण टीमों के साथ काम करेगी. वे विकलांगता, कामुकता और लिंग जैसे विषयों पर लघु फिल्मों की शूटिंग करेंगे. फिर इन लघु फिल्मों को 'माय मेलबर्न' नाम की एक फिल्म में संकलित किया जाएगा. इस फिल्म का प्रीमियर अगले साल इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (आईएफएफएम) में होगा.

Indian Film Festival of Melbourne IFFM My Melbourne
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Published : Jul 6, 2020, 10:55 AM IST

मुंबई: फिल्म निर्माता कबीर खान, इम्तियाज अली, रीमा दास और ओनिर एक फिल्म 'माय मेलबर्न' के लिए एक टीम के रूप में साथ आए हैं.

यह चौकड़ी चुनी हुई विक्टोरियन फिल्म निर्माण टीमों के साथ काम करेगी. वे विकलांगता, कामुकता और लिंग जैसे विषयों पर लघु फिल्मों की शूटिंग करेंगे.

फिर इन लघु फिल्मों को 'माय मेलबर्न' नाम की एक फिल्म में संकलित किया जाएगा. इस फिल्म का प्रीमियर अगले साल इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न (आईएफएफएम) में होगा.

आईएफएफएम फेस्टिवल के निदेशक मितु भौमिक लैंगे ने कहा, "यह रोमांचक पहल है. मैं खुश और रोमांचित हूं कि आईएफएफएम भारत के स्वतंत्र सिनेमा के चार सबसे अलग लोगों को अपनी वर्कशॉप में शामिल करने में सफल रहा है."

फेस्टिवल कहानियों को आमंत्रित कर चयनित चार टीमों को बजट देगा और ये टीमें मूल स्क्रिप्ट तैयार करेंगी.

कबीर, इम्तियाज, रीमा और ओनिर चुनी गई कहानियों को कार्यशाला में विकसित करेंगे और जूम के माध्यम से इन टीमों के प्री-प्रोडक्शन काम की देखरेख करेंगे. यात्रा प्रतिबंध हटने पर चारों फिल्म निर्माता फिल्मों की शूटिंग के लिए मेलबर्न जाएंगे.

इम्तियाज ने कहा, "पिछले कुछ महीनों में हमें जिंदगी के कई नए सबक मिले. इस नए प्रोजेक्ट के जरिए मैं नए लोगों से मिलूंगा और उनकी जिंदगी की कहानियों को समझूंगा."

ओनिर ने कहा, "मैं खुश हूं कि मुझे ये अवसर मिला और मुझे उम्मीद है कि यह सही दिशा में एक कदम है."

रीमा इस आमंत्रण को सम्मान के रूप में देखती हैं. उन्होंने कहा, "फिल्म निमार्ताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे अपने सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ के प्रिज्म से अपने आसपास की दुनिया की जांच करें। लघु फिल्में हमें ऐसा करने का मौका देती हैं."

कबीर को लगता है, "महामारी के बाद की दुनिया में, एक समुदाय में एक दूसरे के साथ रहना ही सबसे महत्वपूर्ण है। वायरस ने हमें कई चीजों की निर्थकता समझाई है."

इनपुट-आईएएनएस

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