मुंबईः एक्टर कबीर बेदी ने सभी से नेशनल अवॉर्ड विनिंग म्यूजिक कंपोजर वनराज भाटिया के लिए डोनेशन की अपील की है, पद्मश्री वनराज भाटिया ने हाल ही में बताया था कि उनके अकाउंट में एक भी रूपये नहीं हैं.
कबीर बेदी ने सोमवार को ट्वीटर पर कहा कि वह वनराज भाटिया से मिलने गए थे.
कबीर ने ट्वीटर पर लिखा, 'मैं कल वनराज भाटिया से मिला. वह हमेशा की तरह जिंदादल हैं. लेकिन, हां, सभी दोस्तों को इस मुश्किल घड़ी में उनकी मदद करनी चाहिए. उन्होंने खुद से, गिरीश कर्नाड के प्ले द फायर एंड द वाटर नें ओपेरा कंपोज किया है, और वह 92 साल के हैं.'
वनराज भाटिया को 1988 में गोविंद निहलानी की फिल्म 'तमस' के लिए बेस्ट म्यूजिक का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला और 2012 में पद्मश्री से भी सम्मानित हुए. अपने बेहतरीन काम की छाप इंडियन सिनेमा में छोड़ने वाले म्यूजिक कंपोजर आज 92 साल की उम्र में वृद्धावस्था की परेशानियों से जूझ रहे हैं और उन्होंने कहा कि उनके पास एक भी रूपये नहीं है.
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भाटिया की डिस्कोग्राफी में कुंदन शाह की फिल्म 'जाने भी दो यारों', अपर्णा सेन की '36 चौरंगी लेन' और प्रकाश झा की 'हिप हिप हुर्रे' जैसी फिल्में शामिल हैं.
1974 में फिल्म 'अंकुर' से लेकर 1996 की 'सरदारी बेगम' तक वनराज भाटिया ग्रेट डायरेक्टर और आर्टिस्ट श्याम बेनेगल के फेवरेट म्यूजिक कंपोजर रहे. इन दोनों ने 'मंथन', 'भूमिका', 'जुनून', 'कल्युग', 'मंडी', 'त्रिकाल' और 'सूरज का सातवां घोड़ा' जैसी क्रिटिकली अकेल्म्ड फिल्मों में साथ काम किया.
1989 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता वनराज भाटिया ने रॉयल अकेडमी ऑफ म्यूजिक, लंडन से वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक की पढ़ाई की थी.