मुंबईः लेखक और शायर जावेद अख्तर ने कुछ ही समय पहले लाउडस्पीकर पर अज़ान बंद करने की दलील दी थी, जिसके बाद भयंकर कंट्रोवर्सी हुई. उस पर जवाब देते हुए शनिवार को लेखक ने ट्वीट करते हुए कहा कि वह एक 'समान अवसरवादी नास्तिक हैं जो सभी तरह की आस्थाओं के खिलाफ है.'
अख्तर ने पुराने ट्वीट को लेकर हुई गरमागरमी पर जवाब दिया जिसमें उनसे कहा गया था मुस्लिम रीति-रिवाजों पर कमेंट करना बंद करें.
जावेद ने ट्विटर पर आज कहा, 'हाल ही में जब मैंने लाउडस्पीकरों पर अज़ान को लेकर टिप्पणी करते हुए इस पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही थी तो मुस्लिम समाज के बड़े लोगों ने मुझे शाप देना शुरू कर दिया और कहा कि मैं नरक में सबसे बुरे स्थान में जाऊंगा. दूसरी तरफ हिंदू बड़े लोग मुझे जेहादी और राष्ट्रद्रोही कहते हैं. मैं एक समान अवसरवादी नास्तिक हूं जो सभी तरह की आस्थाओं के खिलाफ है.'
9 मई को अख्तर ने लाउडस्पीकरों पर अज़ान देने पर कहा था, 'करीब 50 साल तक लाउडस्पीकर पर अज़ान देना हराम रहा, लेकिन अब जब हलाल हुई है तो खत्म ही नहीं हो रही. उम्मीद है कि लोगों को दूसरों को हो रही परेशानी को समझते हुए लाउडस्पीकर पर अज़ान देना खुद ही बंद कर देना चाहिए.'
बता दें अज़ान पर ट्वीट के बाद जावेद अख्तर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हुए थे, कई लोगों ने उनके इस ट्वीट पर आपत्ति जताई थी. यूजर्स ने जावेद अख्तर के ट्वीट पर आपत्ति जताते हुए उनसे 'इस्लामिक विचारधारा' के खिलाफ ट्वीट न करने की सलाह भी दी थी.
अज़ान विवाद पर बोले जावेद अख्तर, 'सभी आस्थाओं के खिलाफ हूं'
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जावेद अख्तर को हाल ही में आलोचनात्मक सोच और मानवतावादी मूल्यों के लिए रिचर्ड डॉकिंस अवॉर्ड से नवाजा गया है. लेखक यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय भी हैं.