जयपुर: 'भारत कोकिला' और प्रसिद्ध पाश्र्व गायिका लता मंगेशकर ने हाल ही में अपना 90वां जन्मदिन मनाया है, उनकी जिंदगी और करियर के बारे में कई लोग जानते हैं, लेकिन उनका क्रिकेट के प्रति प्यार शायद ही कोई जानता है, खासकर एक क्रिकेट खिलाड़ी राज सिंह डूंगरपुर जो आगे चलकर प्रबंधक बन गए.
समर सिंह और हर्षवर्धन द्वारा दिवंगत रणजी खिलाड़ी की बायोग्राफी के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री व साल 1982-85 तक भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष रहे एन.के.पी. साल्वे ने खुलासा किया था कि साल 1983 में विश्व कप की विजेता रही टीम को पुरस्कृत करने का वक्त आया था तो, 'राज सिंह ने इस कार्य के लिए पैसा जुटाने के लिए लता मंगेशकर से दिल्ली में एक संगीत कार्यक्रम करने का अनुरोध करने का एक शानदार विचार पेश किया था, क्योंकि उन दिनों बीसीसीआई के पास फंड नहीं था.'
साल्वे ने बताया, 'इस पर लताजी सहमत हो गईं और उन्होंने एक पर्याप्त राशि जुटाने में बीसीसीआई की मदद की, जिससे विजेता टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को 1 लाख रुपये के पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया, जो उन दिनों में छोटी राशि नहीं थी.'
साल 2004 में उनके 75वें जन्मदिन पर, डूंगरपुर ने लता मंगेशकर का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि कैसे वे लता मंगेशकर के बारे में जान पाए थे.
उन्होंने बताया, 'अगस्त 1959 में मैं कानून की पढ़ाई करने के लिए बॉम्बे आया था. मैंने दिलीप सरदेसाई के चचेरे भाई सोपान सरदेसाई से कहा कि मैं क्रिकेट खेले बिना नहीं रह सकता. उन्होंने मुझे बताया कि यहां क्रिकेट खेलने के लिए एकमात्र स्थान वाल्केश्वर हाउस है, जहां लता मंगेशकर के भाई और उनके दोस्त टेनिस बॉल, क्रिकेट खेलते हैं. मैंने कहा, मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है मैं बस वहां खेलना चाहता हूं. वे (मंगेशकर) वाल्केश्वर हाउस के पीछे एक इमारत में रहते थे. उन दिनों वह पूरे-पूरे दिन रिकॉर्डिग कराती थीं. मैं वहां से खेलने के बाद अपनी बहन के घर नापेन सी रोड लौट आया.'