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'अब मैं बनाऊंगी खूबसूरती का नया पैमाना'

अभिनेत्री भूमि पेडनेकर का मानना है कि इंसान की खूबसूरती उसके रंग में नहीं बल्कि उसके गुणों में होती है. वह हिंदी सिनेमा के जरिए खूबसूरती की परिभाषा बदलना चाहती हैं. भूमि कहती हैं कि अब वह ऐसी फिल्में ही करेंगी, जिससे महिलाओं के बारे में लोगों के सोचने का तरीके बदले.

भूमि पेडनेकर
भूमि पेडनेकर

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Published : Mar 24, 2021, 7:31 AM IST

Updated : Mar 24, 2021, 11:34 AM IST

मुंबई :फिल्म 'दम लगा के हईशा' में एक ओवरवेट लड़की का किरदार निभाने से लेकर फिल्म 'सोनचिरैया' में पितृसत्ता से जूझ रही एक शानदार किरदार निभाने वाली अभिनेत्री भूमि पेडनेकर का कहना है कि वह सर्वोत्कृष्ट बॉलीवुड अभिनेत्री की छवि का पालन करने से इनकार करती हैं. भूमि ने कहा कि वह इन भूमिकाओं के माध्यम से महिलाओं के बारे में लोगों के सोचने के तरीके को बदलना चाहती हैं.

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उन्होंने कहा, कई लोगों के लिए, यह हमेशा बाहरी शारीरिक सुंदरता के बारे में ही रहा है, लेकिन वे दिन गए, जब लोग चिंतित थे (केवल उसी के बारे में). मेरी सोच यह है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं आपकी परिभाषा बदलने जा रही हूं कि आखिर सर्वोत्कृष्ट हिंदी सिनेमा की एक महिला कलाकार क्या होती है.

वह कहती हैं, हम सभी इस पेशे में हैं- विचार यह है कि इन सभी अलग-अलग हिस्सों का प्रदर्शन किया जाए और इन अद्भुत कहानियों का हिस्सा बना जाए, जो लोगों को आगे बढ़ाती हैं, एक बदलाव लाती हैं. ठीक यही मैं करने जा रही हूं.

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भूमि कहती हैं कि वह महिलाओं के लिए निर्धारित सौंदर्य मानक को स्वीकार करने से इनकार करती हैं.

उन्होंने कहा, मैं अपना खुद का एक सौंदर्य मानक बनाना चाहती हूं. सिनेमा में अपने माध्यम से, मैं वास्तव में एक बदलाव लाना चाहती हूं. मैं चाहती हूं कि लोग खुद से प्यार करें, मैं चाहती हूं कि लोग अधिक से अधिक उसे स्वीकार करें, जो वह हैं. मैं अपने दर्शकों का मनोरंजन सुनिश्चित करना चाहती हूं और यह मेरी नंबर एक प्राथमिकता है. मैं एक सकारात्मक सोच छोड़ना चाहती हूं, जो उनकी दुनिया में एक बेहतर जगह बना सके.

Last Updated : Mar 24, 2021, 11:34 AM IST

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