मुंबई : महात्मा गांधी की शुक्रवार को 151वीं वर्षगांठ पर ओटीटी प्लेटफार्मों ने राष्ट्रपिता पर आधारित फिल्मों के विकल्पों को साझा किया है. ऐसे में हमनें गांधी जी पर बनी कुछ कम लोकप्रिय फिल्मों को सूचीबद्ध किया है.
'हमने गांधी को मार दिया': नईम ए सिद्दीकी द्वारा निर्देशित साल 2018 में आई फिल्म में दो अजनबियों की कहानी बताई गई है, जो कैलाश और दिवाकर हैं. वे दोनों एक ट्रेन यात्रा के दौरान मिलते हैं. फिल्म ब्रिटिश राज के अंत के बाद विभाजन की अशांत पृष्ठभूमि पर आधारित है. कहानी उन दो पात्रों की बातचीत पर है, जो महात्मा गांधी की हत्या के साथ उनके दर्शन के बारे में परस्पर विरोधी विचार रखते हैं. इस फिल्म को शेमारूमी पर देखा जा सकता है.
'रोड टू संगम': अमित राय द्वारा निर्देशित 2009 की फिल्म में उत्तर प्रदेश के रहने वाले एक कट्टर मुस्लिम हसमत की कहानी को दिखाया गया है. वह मैकेनिक रहता है हसमत को एक पुरानी लॉरी की मरम्मत करने के लिए कहा जाता है, इस बात से अनजान है कि यह वही वाहन था जो गांधी के राख के साथ जा रही है. वह अपना काम पूरा करता है, लेकिन स्थिति तब जटिल हो जाती है जब उसे कलश के पीछे की सच्चाई का पता लगाता है और गांधी के अंतिम अवशेषों को ले जाने का फैसला करता है. फिल्म में परेश रावल के साथ दिवंगत ओम पुरी और पवन मल्होत्रा हैं. यह शेमारूमी पर उपलब्ध है."