मुंबई : राकेश ओमप्रकाश मेहरा के पिछले प्रोजेक्ट्स, जिनमें 'रंग दे बसंती' (2006) और 'भाग मिल्खा भाग' (2013) शामिल हैं, इस बात का प्रमाण है कि फिल्मकार अपनी कहानी की प्रामाणिकता से समझौता नहीं करते है. यही वजह है कि, जब उन्होंने 'तूफान' में एक गुंडे से बॉक्सर बनने की कहानी सुनाने का निर्णय लिया, तो उन्होंने प्रोफेशनल बॉक्सर्स की तलाश की, जो स्पोर्ट्स ड्रामा को अधिक मजबूत बना सकते है.
जबकि फरहान अख्तर ने ड्रू नील, समीर जौरा और डेरेल फोस्टर की निगरानी में कठिन ट्रेनिंग ली है, लेकिन इसके बावजूद निर्देशक ने वास्तविक जीवन के मुक्केबाजों को फिल्म में शामिल किया ताकि वे फरहान अख्तर के साथ रिंग में लड़ाई लड़ सके.
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निर्देशक कहते है,मेरे लिए, यह महत्वपूर्ण था कि सभी मुकाबले असली मुक्केबाजों के साथ हो. साथ ही निर्देशक ने बताया कि उनकी प्रोडक्शन टीम ने देश भर में इन प्रतिभाओं की खोज की थी.