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Death Anniversary: देव आनंद ने किया था इस ऐतिहासिक फैसले का विरोध, जानें पूरा किस्सा

Dev Anand Death Anniversary: हिंदी सिनेमा के दिग्गज स्टार देव आनंद की आज 10वीं पुण्यतिथि है. देव साहब का 3 दिसंबर को लंदन में इलाज के दौरान निधन हुआ था. इंदिरा गांधी के इस फैसले के खिलाफ खड़े हो गए थे देव आनंद. जानिए पूरा किस्सा

Dev Anand
देव आनंद

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Published : Dec 3, 2021, 9:19 AM IST

हैदराबाद : Dev Anand Death Anniversary: हिंदी सिनेमा के दिग्गज स्टार देव आनंद की आज 10वीं पुण्यतिथि है. देव साहब का 3 दिसंबर को लंदन में इलाज के दौरान निधन हुआ था. देव आनंद का स्टाइल और अंदाज सबसे निराला था. उनकी हैंडसमनेस के आज भी चर्चे हैं. उनका लहराकर चलना लड़कियों को दिवाना बना देता था. देव साहब अपने काम से बहुत प्यार करते थे, जो उनकी फिल्मों साफ देखने को मिलता था. देव साहब की फिल्मों के साथ राजनीति में भी दिलचस्पी थी.

देव और उनका परिवार

देव आनंद

देव आनंद का जन्म पंजाब के शकरगढ़ में 26 सिंतबर 1923 को हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है. देव आनंद के पिता का नाम पिशोरीलाल आनंद था, जो पेशे से एक वकील थे. देव आनंद का पूरा नाम 'धर्मदेव पिशोरीलाल आनंद' था. बाद में उन्होंने बदलकर अपना नाम देव आनंद रख लिया. देव ने अपनी पढ़ाई सेक्रेड हार्ट स्कूल डलहौजी से पूरी की और कॉलेज की पढ़ाई लाहौर गवर्नमेंट कॉलेज से की थी. देव आनंद चार भाई और एक बहन थी. 1940 में ही देव आनंद का परिवार लाहौर से मुंबई आ गया था.

इस फिल्म से किया करियर स्टार्ट

देव आनंद

देव साहब ने भारत को आजादी मिलने से पहले ही अपने फिल्मी करियर की शुरुआत कर ली थी. देव की पहली फिल्म 'हम एक हैं' 1946 में रिलीज हुई थी. इसके बाद देव साहब फिल्म 'मोहन' (1947) और 'आगे बढ़ो' (1947) में नजर आए थे.

इंदिरा गांधी के इस फैसले का किया था विरोध

देव आनंद

देव साहब के चेहरे पर ही नहीं, बल्कि आंखों में भी मुस्कान नजर आती थी. देव फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में भी दिलचस्पी रखते थे. देव साहब ने खुद अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई थी. 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी की घोषणा की थी, जिसका विरोध कुछ फिल्मी हस्तियों ने भी किया था, जिसमें देव साहब का नाम भी शामिल था.

देव आनंद की अधूरी लव स्टोरी

देव आंनद और सुरैया

देव साहब और सुरैया के प्यार के चर्चे पूरे सिनेमा जगत में थे. सुरैया के परिवार ने देव और सुरैया के प्यार को कभी हरी झंडी नहीं दी. सुरैया की नानी ने देव को सुरैया से दूर रहने की नसीहत दे डाली थी और दोनों को ही अपने प्यार की कुर्बानी देनी पड़ी. ऐसे में देव का पहला प्यार हमेशा के लिए अधूरा रह गया.

देव साहब को सम्मान

देव आनंद को हिंदी सिनेमा में उनके अहम योगदान के लिए साल 2002 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. साल 2001 में देव साहब को पद्मश्री से नवाजा गया. बता दें, साल 2011 में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन लंदन में हुआ था, जब यह बुरी खबर देश में आई तो उनके चाहनवालों को बड़ा सदमा लगा था.

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