नई दिल्ली: साल 1989 के अंत और 1990 की शुरुआत में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन की कहानी पर आधारित फिल्म 'शिकारा' की एक स्पेशल स्क्रीनिंग शुक्रवार को रखी गई थी.
निर्देशक ने अपनी फिल्म के फर्स्ट रिव्यू के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन किया था. इस स्पेशल स्क्रीनिंग का एक वीडियो फिलहाल काफी वायरल है, जिसमें एक महिला को घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के मुद्दे को 'व्यवसायीकरण' कर दिखाने के चलते निर्देशक का कड़ा विरोध करते देखा जा सकता है.
महिला यह भी कहती हैं कि पंडित समुदाय ने उस वक्त जिस दर्द को झेला है, उसे सही तरीके से नहीं दिखाया गया है, उस वक्त इस्लाम कट्टपंथी समूहों द्वारा अंजाम दिए गए जन-संहार, सामूहिक दुष्कर्म और हत्याओं का वर्णन फिल्म में सही तरीके से नहीं है.
महिला कहती हैं, 'ये आपका व्यवसायीकरण आपको मुबारक हो. एक कश्मीरी पंडित होने के नाते मैं आपकी फिल्म को स्वीकार नहीं करती हूं.'
पढ़ें- जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने खारिज की 'शिकारा' के खिलाफ याचिका