मुंबई : बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के असमय निधन ने मनोरंजन जगत में एक अलग ही तरह की लड़ाई छेड़ दी है. सुशांत के निधन को एक महीने से भी ज्यादा का समय हो गया है. लेकिन आज भी हर किसी की जुबान पर सुशांत सिंह राजपूत का नाम है. हाल ही में लेखक चेतन भगत ने सुशांत की आगामी फिल्म को लेकर एक ट्वीट किया. इस ट्वीट का जवाब जब विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी ने दिया तो चेतन बिगड़ गए और कुछ ऐसा बोल गए कि उनका ट्वीट वायरल होने लगा.
दरअसल चेतन भगत ने लिखा, 'सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म इस हफ्ते रिलीज होगी. मैं सभी घमंडी और अभिजात्य फिल्म समीक्षकों से अब कहना चाहूंगा कि समझदारी से लिखें. ओवरस्मार्ट न बनें. बेकार चीजें न लिखें. निष्पक्ष और समझदार बनें. अपने बेकार तरीकों का इस्तेमाल न करें. आपने वैसे ही कई जिंदगियां बर्बाद कर दी हैं. अब रुकिए. हम लोग देखेंगे.'
इस ट्वीट के बाद कई फिल्म क्रिटिक समेत ट्विटर यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी. कुछ लोगों ने चेतन की बात पर अपनी सहमति दर्ज कराई और कुछ ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया.
इसी बीच भारतीय फिल्म डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा की पत्नी और फिल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी.
अनुपमा ने चेतन भगत के ट्वीट के जवाब की जगह उन पर निशाना साधा और लिखा, 'जितनी बार आप सोचते हैं कि बातचीत का स्तर इससे नीचे नहीं गिर सकता. उतनी बार ऐसे होता है.'
चेतन भगत भी अनुपमा के जवाब पर शांत नहीं रहे और उन्होंने उनके पति विधु विनोद चोपड़ा को बीच में घसीट लिया. उन्होंने कहा- ''मैम, जब आपके पति ने मुझे सबके सामने धमकाया था, बेशर्मी से सभी बेहतरीन कहानी पुरस्कारों (बेस्ट स्टोरी अवॉर्ड) को अपने नाम पर इकट्ठा किया, मुझे मेरी कहानी का श्रेय देने से इनकार किया और मुझे सुसाइड तक करने के लिए मजबूर कर दिया था, उस समय आप सिर्फ तमाशा देख रही थीं. तब आपका ये ज्ञान कहां था.''
मालूम हो कि चेतन भगत ने अपने ट्वीट में अनुपमा को जिस कहानी का क्रेडिट न मिलने पर खरी-खरी सुनाई है, वो कहानी 3 इडियट्स फिल्म की थी. इस फिल्म को लेकर चेतन भगत का दावा था कि ये उनकी एक किताब की स्टोरी का प्लॉट था.
गौरतलब हो कि चेतन भगत ने सुशांत की फिल्म पर मीडिया संस्थानों पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'मीडिया संस्थानों के लिए… अभिजात्य लोगों को काम पर रखना बहुत ही भयानक रणनीति है, जिन्हें भारत समझ नहीं आता और उन्हें लगता है कि वह अन्य भारतीय से ज्यादा अच्छे हैं. ये लोग अंदर से कुछ और, बाहर से कुछ और हैं. जो यह जरूर सुनिश्चित करेंगे कि आपका संस्थान दिवालिया हो जाए. कई लोगों का पहले हो भी चुका है.'