मुंबईः अभिनेता आयुष्मान खुराना जो अपनी उम्दा एक्टिंग के साथ-साथ खूबसूरत कविताओं के लिए भी जाने जाते हैं, लेकिन उन्होंने इस बार स्वरचित कविता को छोड़कर बनारस की नीति पांडे की कविता सुनाई जिस पर उन्हें सोशल मीडिया से काफी तारीफें भी मिली.
अभिनेता ने इंस्टाग्राम पर साझा किए वीडियो की शुरूआत में कहा, मुझे अहसास हुआ कि मैं हर रोज कविता नहीं पढ़ सकता वर्ना मैं बोर हो जाउंगा, तो मैंने फैसला किया कि मैं नीति पांडे की कविता सुनाउंगा जो बनारस से हैं, यह 'आज के दौर की कविता' है.
इसके बाद अभिनेता कविता सुनाना शुरू करते हैं. जिसके बोल उन्होंने कैप्शन में भी लिखे, जो कुछ इस तरह थे, 'इस दौर की कविता- किसी और का ख़ामियाज़ा भर रहा है आदमी... आदमी लाचार जग में मर रहा है आदमी, भूल देख दूसरों की सीख ले ना कुछ सका... आज पर उत्पात कैसा कर रहा है आदमी. जब छिल जानी है ज़िंदगी मौत में तपी इन सड़कों पर... रख ज़िंदगी हथेली पर क्यूँ विचर रहा है आदमी, रोज़मर्रा की शिकायत से भरा था जिसका कल... पूछ लो सुकूँ से दिन कितने घर रहा है आदमी. हाँ ज़रा बंधना सा है ये जबरन घर पर बैठना... पर देखो ग़ैर मुल्क़ों में बस ख़बर रहा है, आदमी ज़िंदगी महफ़ूज़ कर दूँ कहता है ये टोटका... अपनों के लिए अपनों से दूर अगर रहा है आदमी.'
अभिनेता द्वारा सुनाई गई कविता की आखिरी चार लाइने अभी के समय में लोगों को हिम्मत और सुकून देने वाली हैं.
अभिनेता कहते हैं, 'हर विपत्ति में एकजुट हुई है जब इंसानियत... एक ज़रा महामारी से क्यूँ डर रहा है आदमी, हम चुनेंगे ज़िंदगी जो स्वस्थ हो खुशहाल हो... ये बात और है कि कब अमर रहा है आदमी. ~नीति.'