मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना बॉलीवुड में अपनी भूमिकाओं के साथ नायक और वीरता की अवधारणा को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं. उनकी पिछली सात फिल्मों की लगातार सफलता ने उन्हें एक पहचान दिलाई है. यह साबित करता है कि अभिनेता परदे पर मर्दानगी की लोकप्रिय धारणा को बदलने में काफी हद तक सफल रहे हैं.
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यदि आम आदमी यथार्थवाद के स्पर्श से खेल रहा है और फिर भी मनोरंजन भागफल से नहीं हार रहा है, तो यह उसकी सफलता की कुंजी है, आयुष्मान ने अब इस धारणा पर एक प्रेरणादायक भाषण दिया है कि वास्तविक पुरुषों की तरह क्या होना चाहिए.