मुंबई : अनुराग कश्यप की फिल्म 'चोक्ड : पैसा बोलता है' में डिमोनेटाइजेशन (नोटबंदी) ने एक अभिन्न भूमिका निभाई है.
फिल्म निर्माता का कहना है कि इसने उन्हें पैसे और शादी की कहानी को एक सहज तरीके से जोड़ने में मदद की. फिल्म निर्माता ने कहा, "चोक्ड : पैसा बोलता है हमेशा से एक ग्रेट आइडिया और एक अच्छी स्क्रिप्ट थी लेकिन 'एक्स-फैक्टर' की कमी थी. डिमोनेटाइजेशन ने इसे एक साथ बांधने का काम किया."
फिल्म बनाने के संदर्भ में अनुराग ने आईएएनएस से कहा, "फिल्म पर काम करना एक अच्छी प्रोसेस रही. यह एक लंबा इंतजार था. इसकी शुरुआत साल 2015 में एक स्क्रिप्ट के साथ हुई थी. उस समय, कोई डिमोनेटाइजेशन नहीं हुआ था और जब यह हुआ, तो इसे स्क्रिप्ट में शामिल किया जाना ही था और इसलिए हमने स्क्रिप्ट को फिर से लिखा."
उन्होंने आगे कहा, "निहित भाव से इस पर काम करते रहे. सैयामी खेर साल 2017 में आईं और रोशन मैथ्यू 2018 में आए. हमने फिल्म की शूटिंग 2019 में की."
गौरतलब है कि भारत सरकार ने साल 2016 में काले धन को बाहर निकालने, नकली नोटों को खत्म करने और आतंकवाद की फंडिंग से निपटने के लिए डिमोनेटाइजेशन (नोटबंदी) कर 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का फैसला किया था.
इस निर्णय के बाद देश के बैंकों में लंबी-लंबी कतारें लग गईं थीं, लोग पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने के लिए अलग-अलग तरीकों की तलाश कर रहे थे और शादी जैसे कई बड़े आयोजनों में व्यवधान पैदा होने लगा था.