मुंबई: 'मेरे करण-अर्जुन आएंगे' ये डायलॉग सुनाई देते ही हमारी नजरों के सामने एक चेहरा नज़र आता है एक दुखयारी मां यानी राखी का. जी हां, अपनी जीवंत एक्टिंग से सभी को मंत्रमुग्ध कर देने वाली राखी गुलजार का आज जन्मदिन है.
जी हां, यूं तो आज 15 अगस्त के दिन सारा जहान स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाता है. वहीं इसी दिन राखी के परिवार में भी दोगुना जश्न मनाया गया था. क्योंकि राखी का जन्म भारत की आजादी की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद यानी15 अगस्त 1947 को ही पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के राणाघाट में एक बंगाली परिवार में हुआ था.
राखी गुलज़ार, जिन्हें सिर्फ राखी के रूप में भी जाना जाता है, मुख्य रूप से हिन्दी फिल्मों और साथ ही कई बंगाली फिल्मों में दिखाई दी हैं. चार दशकों तक किए अभिनय में, उन्होंने कई अन्य पुरस्कारों के अलावा तीन फिल्मफेयर पुरस्कार और एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है.
फिल्मफेयर में, राखी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए 8 बार और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए 8 बार यानी कुल 16 बार नामांकित किया गया. साल 2003 में उनको पद्म श्री की उपाधि से भी सम्मानित किया गया. इसी साल बंगाली फिल्म 'शुभो महूरत' के लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता.
राखी की किशोरावस्था में ही बंगाली फ़िल्मों के निर्देशक अजय बिश्वास से शादी हो गई थी पर यह शादी असफल रही. अभी वह विख्यात फ़िल्म निर्देशक, कवि और गीतकार गुलज़ार की पत्नी हैं.
साल 1967 में, 20 वर्षीय राखी ने अपनी पहली बंगाली फिल्म बधु बारन (बोधु बोरोन)में अभिनय किया, जिसके बाद उन्हें 1970 में अपनी पहली हिन्दी फिल्म, राजश्री प्रोडक्शन्स की 'जीवन मृत्यु' में धर्मेन्द्र के साथ मुख्य भूमिका की पेशकश की गई.