मुंबईः सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद से ही सोशल मीडिया पर बॉलीवुड इंडस्ट्री में मौजूद नेपोटिज्म और स्टार पावर के खिलाफ लोग गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. साथ ही कई बॉलीवुड सेलेब्स भी सामने आए और उन्होंने इंडस्ट्री में होने वाली गुटबाजी (लॉबी) पर अपने अनुभव साझा किए.
इन सभी खुलासों के बाद स्टार किड्स को लेकर होने वाली आलोचना और ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन इसी बीच मेगास्टार अमिताभ बच्चन के बेटे और अभिनेता अभिषेक बच्चन ने अपने स्ट्रगल के दिनों की कहानी सोशल मीडिया पर साझा की.
अभिनेता ने बताया कि किस तरह उन्हें और 'रंग दे बसंती' निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा को कोई लॉन्च करने वाला नहीं मिला.
अभिनेता ने पोस्ट में लिखा, 'साल 2009... दिल्ली 6 और पा. बहुत लोग ये बात नहीं जानते होंगे कि 1998 में, मैं और राकेश ओमप्रकाश मेहरा अपने फिल्मी करियर की एकसाथ शुरुआत करना चाहते थे.'
अभिषेक आगे बताते हैं, 'हम 'समझौता एक्सप्रेस' के लिए साथ काम कर रहे थे. हमने बहुत कोशिश की, लेकिन हमें कोई लॉन्च करने वाला नहीं मिला. मुझे अभी याद भी नहीं कि मैं कितने प्रोड्यूसर और डायरेक्टर्स से मिला था उनसे रिक्वेस्ट की थी कि मुझे एक्टिंग का एक मौका दें. लेकिन किसी ने मौक नहीं दिया. हम दोनों दोस्त थे, तो हमने फैसला लिया कि हम कुछ ऐसा बनाएं जिसे राकेश डायरेक्ट कर सकें और मैं उसमें एक्टिंग कर सकूं, इस तरह 'समझौता एक्सप्रेस' का जन्म हुआ. यह फिल्म नहीं बन सकी जिसका मलाल हमारे दिल में आज भी है. उसके बाद राकेश मेरे पिता के साथ 'अक्स' बनाने लगे, और सौभाग्य से मैं और पापा जेपी साब से मिले. उन्हें मेरा लुक पसंद आया. जेपी साब 'आखिरी मुगल' बनाने के बारे में सोच रहे थे और उसके लिए उन्हें एक नए चेहरे की तलाश थी. मैं लकी रहा... उन्होंने कभी आखिरी मुगल तो नहीं बनाई लेकिन उसकी जगह 'रिफ्यूजी' बनाई.