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इतिहास के पन्नों में सिनेमा के लिए कितना अहम है 31 मार्च का दिन... - गोल्डन रास्पबेरी अवार्ड

इतिहास के पन्‍नों को पलट के देखा जाए तो आज यानी 31 मार्च के दिन सिनेमा जगत में कई महत्‍वपूर्ण घटनाएं हुई. तो आज एक नजर 31 मार्च की अहम घटनाओं पर.......

Golden Raspberry Award

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Published : Apr 1, 2019, 7:26 PM IST

31 मार्च 1981, ये वो दिन है जिसे सिनेमा जगत में आज भी एक ऐतिहासिक पल के रूप में याद किया जाता है. इस दिन सिनेमा में एक ऐसे दौर की शुरुआत हुई थी, जिसमें आगे चलकर फिल्में फ्लॉप हो या सक्सेस उन्हें हमेशा सम्मान दिया गया क्योंकि दुनिया के फिल्म राइटर और डायरेक्टर अकीरा कुरोसावा का कहना था कि फिल्में कभी धड़ल्ले से नहीं बल्कि तसल्ली से बनती हैं.

शायद इसलिए ये कहना सही होगा कि भले ही एक फिल्म फ्लॉप होने में कुछ सेंक्ड लगता है, लेकिन उससे बनाने में सालों बित जाता है. जिसे केवल फिल्म से जुड़ें लोग ही समझ सकते हैं.

क्या आप जानते हैं कि 31 मार्च 1981को एक ऐसे अवार्ड समारोह की शुरुआत हुई थी. जिसने फिल्मी जगत को आश्चर्य में डाल दिया था क्योंकि इस अवार्ड समारोह में ऐसी फिल्मों को नॉमिनेट किया जाता है, जो फ्लॉप रहती हैं.

जी हां....इस समारोह का नाम था पहला गोल्डन रास्पबेरी अवार्ड (Golden Raspberry Award) जिसे सिनेमा जगत में सबसे खराब पहचान के रूप में माना जाता है. साथ ही इसे रज़ी अवार्ड्स के नाम से भी जाना जाता है.

UCLA फिल्म स्नातकों और फिल्म उद्योग के दिग्गज जॉन जे. बी. विल्सन और मो मर्फी द्वारा इसकी सह-स्थापना की गई. साथ ही पहला गोल्डन रास्पबेरी अवार्ड समारोह 31 मार्च 1981 को लॉस एंजिल्स में जॉन जे. बी. विल्सन के लिविंग-रूम एल्कॉव में आयोजित किया गया था. ताकि 1980 के फिल्म सीज़न की सबसे खराब फिल्मों का सम्मान किया जा सके.

इस दौरान अवार्ड समारोह में लाखों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया था. साथ ही इसकी खूब सराहना भी की थी. आपको बता दें कि लॉस एंजिल्स में हर साल रज़ी अवार्ड समारोह और एकेडमी अवार्ड्स समारोह एक साथ होता है. साथ ही ये दोनों अवार्ड समारोह को एक दिन में ही आयोजित किया जाता है, लेकिन हर साल एकेडमी अवार्ड्स समारोह से पहले हमेशा रज़ी अवार्ड समारोह की शुरुआत होती है. 39 वां समारोह 23 फरवरी, 2019 को आयोजित किया गया था.


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