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भारत में लॉन्च हुई वो SUVs, जो बाजार में हुईं पूरी तरह से फ्लाॉप, क्या आप जानते हैं इनमें से किसी का नाम? - सोनालिका राइनो आरएक्स

भारतीय कार बाजार में एक समय ऐसा भी था, जब एसयूवीज़ पूरी तरह से फ्लॉप हो रहीं थी. देसी क्या विदेशी कार निर्माता कंपनियों की एसयूवीज़ भी ग्राहकों को आकर्षित नहीं कर पा रहीं थी. यहां हम आपको कुछ ऐसी ही एसयूवीज़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपने शायद सुना भी ना होगा.

SUVs flopped in the Indian market
भारतीय बाजार में फ्लॉप हुईं एसयूवीज़

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Published : Jul 3, 2023, 6:11 PM IST

हैदराबाद: भारतीय कार बाजार में पिछले कुछ सालों से SUVs का दबदबा बना हुआ है. बाजार में कीमत से लेकर हर सेगमेंट की एसयूवी मौजूद है, जो लोगों के बजट में फिट बैठती हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब एसयूवीज़ को लोगों द्वारा ज्यादा पसंद नहीं किया जाता था और कंपनियों ने फिर भी इन्हें बाजार में उतारा और उसका नतीजा यह हुआ कि कार निर्माताओं को जल्द ही इन्हें बंद करना पड़ा, क्योंकि इनकी बिक्री अच्छी नहीं हो रही थी. यहां हम आपको ऐसी कुछ एसयूवीज़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें शायद आप पूरी तरह से भूल चुके होंगे.

1. टाटा सफारी पट्रोल

टाटा सफारी पट्रोल

ये सुनकर आप चौंक गए होंगे, लेकिन यह सच है कि एक समय ऐसा भी था, जब टाटा मोटर्स अपने सबसे लोकप्रिय उत्पाद टाटा सफारी को पेट्रोल इंजन के साथ बेचती थी. कंपनी इस एसयूवी को 2000 दशक के शुरुआत में बेच रही थी. इसमें 2.0-लीटर का पेट्रोल इंजन मिलता था, जो 135 बीएचपी की पावर प्रदान करता था. यह इंजन इसके 2.0-लीटर टर्बोचार्ज्ड डीजल इंजन से ज्यादा ताकतवर था. लेकिन कार का माइलेज कम होने के चलते इसे जल्द ही बंद करना पड़ा.

2. टाटा सिएरा

टाटा सिएरा

टाटा मोटर्स की एक और एसयूवी जिसके बारे में लोग भूल चुके हैं, जिसका नाम टाटा सिएरा है. यह एक मौलिक स्टाइल वाली एसयूवी थी, जिसे कंपनी ने 90 के दशक में लॉन्च किया था. यह एक 3-डोर एसयूवी थे और पीछे के दरवाजों की जगह पर बड़े आकार के ग्लास पैनल लगाए गए थे. कंपनी इस कार में 2.0-लीटर इनडायरेक्ट इंजेक्शन डीजल इंजन का इस्तेमाल करती थी, जो अधिकतम 68 बीएचपी की पावर और 110 न्यूटन मीटर का टॉर्क प्रदान करता था. लेकिन अब कंपनी इसके इलेक्ट्रिक वर्जन को फिर से बाजार में उतारने वाली है.

3. हुंडई टक्सन (पहली जनरेशन)

हुंडई टक्सन (पहली जनरेशन)

साउथ कोरियन कार निर्माता हुंडई ने अपनी पहली जनरेशन हुंडई टक्सन को भारत में कुछ ही समय के लिए बेचा था. इस कार को 2000 दशक के शुरुआत में उतारा गया था. कंपनी ने इस कार में 2.0-लीटर टर्बो डीजल इंजन का इस्तेमाल किया था, जो 120 बीएचपी की अधिकतम पावर और 270 एनएम का अधिकतम टॉर्क प्रदान करता था. इस कार में 4-व्हील-ड्राइव ट्रांसफर केस भी देखने को मिलता था.

4. मारुति ग्रैंड विटारा एक्सएल7

मारुति ग्रैंड विटारा एक्सएल7

मारुति सुजुकी देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी के तौर पर जानी जाती है, लेकिन ऐसा कहा जा सकता है कि मारुति ग्रैंड विटारा एक्सएल7 शायद उसकी सबसे बड़ी फ्लॉप कार कही जा सकती है. ग्रैंड विटारा एक्सएल7 को 7-सीटर कैपिसिटी में उतारा गया था. इसमें 2.8-लीटर V6 पेट्रोल इंजन मिलता था, जो 168 बीएचपी की पावर और 236 न्यूटन मीटर का टॉर्क पैदा करता था. कंपनी ने इसमें 4-व्हील ड्राइव सिस्टम का इस्तेमाल किया था.

5. मारुति ग्रैंड विटारा

मारुति ग्रैंड विटारा

चूंकि कंपनी की मारुति ग्रैंड विटारा एक्सएल7 बाजार में एक बड़ी फ्लॉप साबित हुई, इसलिए कंपनी ने इसे रिप्लेस करने के लिए ग्रैंड विटारा को बाजार में उतारा था. कंपनी ने इस एसयूवी में 2.4-लीटर 4-सिलेंडर पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल किया. यह पेट्रोल इंजन 164 बीएचपी की पावर और 225 न्यूटन मीटर का टॉर्क प्रदान करता था. कंपनी ने इस कार में हाई और लो-रेशियो विकल्प के साथ फुल-टाइम 4x4 ड्राइव सिस्टम दिया गया था.

6. सैंगयॉन्ग रेक्सटन

सैंगयॉन्ग रेक्सटन

महिंद्रा एंड महिंद्रा के ही दूसरे ब्रांड सैंगयॉन्ग की रेक्सटन एसयूवी भारत में कंपनी का पहला उत्पाद बना था. यह एक 7-सीटिंग कैपेसिटी वाली एसयूवी थी, जिसमें 2.7-लीटर इंजन का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन भारत में रेक्सटन को पर्याप्त खरीदार नहीं मिले और वास्तव में कम मांग के चलते इस एसयूवी की बिक्री बंद कर दी गई. अब महिंद्रा इसे लेटेस्ट जनरेशन रेक्सटन के तौर पर अपडेट करने की योजना बना रही है, जिसे एक्सयूवी700 के तौर पर बाजार में उतारा जा सकता है.

7. सोनालिका राइनो आरएक्स

सोनालिका राइनो आरएक्स

सोनालिका समूह की सहायक कंपनी इंटरनेशनल कार्स एंड मोटर्स लिमिटेड ने भारत में अपनी आईसीएमएल राइनो आरएक्स को 2000 से दशक में लॉन्च किया था, लेकिन यह कार भारत में सफल नहीं हो सकी. कपंनी इस कार को 2.0-लीटर डीजल इंजन के साथ बेच रही थी. यह इंजन 99 बीएचपी की पावर और 240 न्यूटन मीटर का टॉर्क प्रदान करता था. हालांकि कंपनी की यह एसयूवी को ग्राहकों को ज्यादा पसंद नहीं आई और इसे कुछ सालों में ही बंद करना पड़ा.

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