नई दिल्ली : नेशनल डायरेक्टिव ऑन सिक्योरिटी इन टेलीकॉम (दूरसंचार) सेक्टर के अनुसार सरकार एक सूची निकालेगी, जिसके तहत कौन से सप्लायर्स विश्वसनीय माने जाएंगे और कौन से सप्लायर्स अविश्वसनीय माने जाएंगे. टीमा के अनुसार चीनी कंपनियां जैसे हुवावे, ओप्पो, वीवो, आदि अविश्वसनीय सप्लायर्स के रूप में घोषित किये जा सकते हैं.
टीमा के अधिकारियों का यह भी कहना है कि टेलीकॉम उपकरणों को बनाने वाले, भारतीय सप्लायर्स ही विश्वसनीय विक्रेता के रूप में घोषित किये जा सकते हैं. यह सूची नेशनल सिक्योरिटी कमीशन ऑन टेलीकॉम (NSCT) द्वारा ही मंजूर की जाएगी. जिसके मुखिया डिप्टी एनएसए हैं. मगर यह मंजूरी आने से पहले, यह सूची लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. राजेश पंत तैयार करते हैं और अच्छी तरह से जांच पड़ताल करके ही आगे भेजते हैं.
यहां पर, यह कहना गलत नहीं होगा की नेशनल डायरेक्टिव ऑन सिक्योरिटी इन टेलीकॉम, आत्मनिर्भर भारत की ओर एक ठोस कदम है. इस पहल से भारतीय उद्योगों की उन्नति में इजाफा होने की पूरी उम्मीद जताई जा सकती है.
इस अवसर पर रवि शर्मा, चेयरमैन, टीमा का यह कहना है कि यह कदम देश की सुरक्षा के लिए बहुत अनिवार्य है. 5 जी के चलते, फोन्स, आदि सभी उपकरण एक दूसरी से कनेक्टेड हो जाएंगे, इसलिए और भी जरूरी हो जाता है कि केवल विश्वसनीय उत्पादकों से ही सभी टेलीकॉम से जुड़े उपकरण खरीदे जाएं, जो विश्वसनीय उत्पादक नहीं हैं, उनसे सामान लेने में देश की सुरक्षा का खतरा बना रहता है.
देश की हित की बात करें, तो केवल और केवल भारतीय विश्वसनीय उत्पादकों से ही टेलीकॉम के उपकरण लेना सही साबित हो सकता है.
आर चन्द्रशेखर, आईएएस (रिटायर्ड) फॉर्मर सेक्रेटरी डॉट, Meity और वर्तमान में, चेयरमैन टीमा काउंसिल ऑन डिजिटल इम्पावरमेंट ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया और देश की सुरक्षा की ओर इसे एक बहुत बड़ा कदम बताया. साथ ही उन्होंने यह भी कहा की टेलीकॉम उत्पादन के क्षेत्र में 5 जी में रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने की अहम जरूरत है. विश्वसनीय उत्पादकों से ही समय-समय पर सामान लेना सही होगा. PMP/PLI स्कीम्स में उत्पादन को तेजी से बढ़ाने की बात भी की गई है. इन सभी पहलुओं पर एक साथ काम करते हुए अगले 2 से 3 सालों में आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर उभरती हुई नजर आएगी.
डीआईपीपी के फॉर्मर सेक्रेटरी अजय शंकर और आजकल टीमा काउंसिल ऑन इंडस्ट्रियल पॉलिसी के चेयरमैन ने कहा कि मैं देश की सुरक्षा हेतु, इस कदम का स्वागत करता हूं. जहां एक ओर टेलीकॉम के क्षेत्र में इतनी तरक्की हुई, वहीं पर इससे जुड़े खतरों में बढ़ गए. यह सब कम हो सकता है, अगर विश्वसनीय सूत्रों से ही उपकरण खरीदे जाएं. इस कदम का हम पूरा-पूरा सहयोग देते हैं.
डॉ. गुलशन रॉय, फॉर्मर नेशनल कोऑर्डिनेटर, NCSC के मुताबिक, उत्पादकों की भी जिम्मेदारी बढ़ जाती है की वह अपने प्रोडक्ट्स के फीचर्स, सिक्योरिटी के सभी प्रावधानों और अपने प्रोडक्ट्स के सभी पहलुओं पर काम करते हुए, अपने प्रोडक्ट्स को और भी मजबूत बनाएं, जिससे सभी का विश्वास इन प्रोडक्ट्स पर बना रहे.
प्रोफेसर एन के गोयल, चेयरमैन एमेरिटस टीमा ने कहा कि सरकार का यह अहम फैसला, की जो प्रोडक्ट्स डॉट पीएमए की सभी गाइडलाइन पर खरे उतरे वही विश्वसनीय भारतीय प्रोडक्ट्स कहलाएंगे, काबिल-ए-तारीफ है. इसी के संग NSCT के टेलीकॉम क्षेत्र में भारतीय विश्वसनीय प्रोडक्ट्स का उपयोग बढ़ाने के लिये काम करना भी एक हितकारी फैसला साबित होगा. यह देख कर खुशी होती है की दोनों पब्लिक या प्राइवेट नेटवर्क्स स्कीम में शामिल होगें.
यह भी एक हर्ष की बात है की इंडिया पहली बार 4G और 5G उपकरणों की सप्लाई करेगा. अब इंडियन इंडस्ट्रीज, सुरक्षित और विश्वसनीय उपकरणों को बनाने में आने वाली सभी कठिनाइयों का सामने करने की लिए खुद को तैयार करेगी.
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