नई दिल्ली :'सॉल्व फॉर टुमॉरो इन इंडिया' एजुकेशन एंड इनोवेशन कॉम्पिटीशन में बेंगलुरु के रहने वाले 22 वर्षीय छात्र शंकर श्रीनिवासन ने तनाव को कम करने वाला डिवाइस प्रस्तुत किया है. 'Sputnik Brain' नामक टीम का हिस्सा रहे शंकर श्रीनिवासन का यह डिवाइस सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन का उपयोग कर तनाव को कम करने में मदद करता है. वहीं पोर्ट ब्लेयर और दिल्ली की टीम 'उड़ान' में शामिल 16 वर्षीय छात्राओं प्रिशा दुबे, अनुप्रिया नायक और वनालिका कोंवर ने इकोफ्रेंडली अफॉर्डेबल और धोने योग्य सैनिटरी पैड (ecofriendly affordable washable sanitary pads) विकसित किए हैं. इसे कटे हुए गन्ना खोई का उपयोग कर तैयार किया गया है. 'सॉल्व फॉर टुमॉरो इन इंडिया' कॉम्पिटीशन जीतने वाले इन टॉप थ्री छात्रों अपने आइडियाज को हकीकत में बदलने के लिए आईआईटी दिल्ली का साथ मिलेगा. IIT Delhi में इन टॉप रौंक छात्रों को 6 महीने का इन्क्यूबेशन और आइडिया को हकीकत में बदलने के लिए 1 करोड़ रुपए तक की ग्रांट मिलेगी. Solve for Tomorrow in India education and innovation competition .
मानसिक स्वास्थ्य के लिए शंकर श्रीनिवासन का सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन वियरेबल डिवाइस एफडीए (Brain modulation wearable device) की फ्रीक्वेंसी, इंटेंसिटी और पल्स रिपीटिशन पीरियड की सीमा के भीतर ब्रेन में मूड सेंटर्स तक वेव्स को ट्रांसमिट करता है. तनाव के कारण हाई ब्लडप्रेशर, हाईपरटेंशन और कई अन्य समस्याओं पर विचार करते हुए शंकर ने तनाव को कम करने के लिए एक इनोवेशन पर काम करने का फैसला किया है. अपने इनोवेशन के लिए वह लगातार प्रतिष्ठित डॉक्टरों, बायोमेडिकल इंजीनियरों, न्यूरोसाइंटिस्ट और विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ अपने आइडिया को क्रॉस चेक कर रहे हैं.
स्मार्ट रिस्टबैंड & Brain Modulation : 'स्पुतनिक ब्रेन' शंकर श्रीनिवासन एक वियरेबल डिवाइस पर काम कर रहे हैं जो सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन के माध्यम से तनाव को कम करने में मदद करेगा. वह घातक तनाव की वैश्विक समस्या से निपटना चाहते हैं और रासायनिक और प्रतिकूल-प्रभाव मुक्त तकनीक की आवश्यकता को हल करना चाहते हैं. हैदराबाद के 'Alpha Monitor' के 16 वर्षीय हेमेश चडालवाड़ा ने Alzheimer रोगियों की निगरानी करने और उनके व्यवहार में बदलाव के बारे में उनकी देखभाल करने वालों को सतर्क करने के लिए एक स्मार्ट रिस्टबैंड विकसित किया है.